ANMOL JAWAHIRAAT -(HINDI)

🎍﷽ 🎍*
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*✦ अनमोल - जवाहिरात ✦*
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*✷क़िस्त - 01✷*
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*✺ चार मुंतखब ( चुने हुऐ ) अक़वाल ✺*

*★_ हजरत अब्दुल्लाह बिन मुबारक रहमतुल्लाह ने बयान फ़रमाया कि किसी हकीम ने 1लाख हकीमाना अक़वाल जमा किए फिर उनमें से 4हजा़र मक़ूले मुंतखब किए फिर उनमें से 4 सौ अक़वाल निकाले फिर उनमें से 40 मकू़ले अख्तियार किए फिर उनमें से चार कौ़ल चुने जोकि दर्जे जे़ल हैं (यानी एक लाख अक़वाले ज़री का जोहर ) :-*

*१_किसी हालत में औरत पर भरोसा ना करो,*
*२_किसी वक्त माल व दौलत पर ना फूलों,*
*३_जो इल्म कुछ नफा ना दे उसे अख्तियार ना करो,*
*४_अपने मैदे को ममनू गिजा़ से ना भरो (यानी हराम ना खाओ ),*
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*✷क़िस्त - 02✷*
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*✺_रेहमते इलाही से मेहरूम करने वाली 7 बुरी आदतें _✺*

*★_फक़ीह अबुल लैस रह. का क़ौल है कि जिस शख्स में 7 बुरी खसलते होंगी उस पर कभी अल्लाह ताला की रहमत नाजि़ल ना होगी :-*

*१_ माल जमा करने की लालच,*
*२_ कसरत से हंसना ,*
*३_ लोगों पर बगैर किसी सबब के तोहमत लगाना ,*
*४_ गैर ना मेहरम औरतों को देखना,*

*५_ लोगों की गीबत करना,*
*६_ नमाज जमात की तकबीरे औला फौत हो जाना,*
*७_ नफसानी ख्वाहिशों और शहवतों में मुब्तिला रहना ।*

*®_ तंबीहुल गाफिलीन _,*
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*✷क़िस्त - 03✷*
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*✺ 4 सिफात वाली औरतें जन्नती है ✺*

*★_ एक बुजुर्गों फरमाते हैं कि चार कि़स्म की औरतें जन्नती हैं:-*

*1_पाक दामन औरत जो अल्लाह ताला की और अपने शौहर की इता’त करने वाली हो,*

*2_अपने शौहर के साथ मोहब्बत के नशे में मदहोश सब्र व क़ना’त की चादर ओढ़े हुए आसानी से जिंदगी बसर करें ,*

*3_ शर्म व हया से मुज़य्यन जो अपने शौहर की गैर मौजूदगी में अपनी जा़त और शौहर के माल की हिफाज़त करती हो और उसकी मौजूदगी में ज़बान दराजी़ से बाज़ रहती हो,*

*4_ ऐसी औरत जिसका शौहर इंतकाल कर गया और उसके छोटे-छोटे बच्चे हो और वह अपनी ज़ात को बच्चों के लिए वक्फ करें दे और उनकी बेहतर तरीके से तरबियत करें और बच्चों के जा़या होने के खौफ से दूसरी शादी ना करें_,”*
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*✷क़िस्त - 04✷*
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*✺ _चार बुराइयों वाली औरतें जहन्नमी हैं _✺*,

*★_ एक बुजुर्ग फरमाते हैं कि चार कि़स्म की औरतें जहन्नमी हैं :-*

*1- फहश कलाम ( बेकार की बातें ) करने वाली औरत जो शौहर की मौजूदगी में अपनी जुबान की वजह से उसे तकलीफ देती हो और उसकी गैरमौजूदगी में अपनी जा़त की हिफाज़त ना करती हो ।*

*2- ऐसी औरत जो अपने शौहर की ताकत से बढ़कर मुतालबात करती हो (यानी डिमांड फरमाइश करती हो ),*

*3 -ऐसी औरत जो मर्दों से पर्दा ना करती हो और घर से बड़ी बन ठन कर बाहर निकलती हो ।*

*4- ऐसी औरत जिसको खाने पीने और सोने के अलावा और कोई काम ना हो ना , नमाज़ में उसकी दिलचस्पी हो ना अल्लाह ता’ला और उसके महबूब सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम की इता’अत की तरफ मिलान ( दिलचस्पी ) रखती हो और ना ही अपने खाविंद की इता’अत करती हो ।*

*★_ जब औरत इन बुरी चीज़ों में लगी हो और शौहर की इजाज़त के बगैर घर से बाहर जाती हो तो जब तक खुलूसे दिल से अल्लाह ता’ला से तौबा और इस्तगफार नहीं करती वह अल्लाह ता’ला की लानत में होती है और जहन्नमी शुमार होती है।*
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*✷क़िस्त - 05✷*
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*✺ चार चीजों के बगैर चार चीजों का दावा गलत है_,✺*

*★_ हजरत हातिम का कौ़ल है कि जो शख्स चार चीजों के बगैर चार बातों का दावा करे वह झूठा है और उसका दावा गलत है :-*
*1- जो शख्स अल्लाह की मोहब्बत का दावा करता हो और जिन बातों को अल्लाह ने हराम कर दिया है उनसे बाज़ ना रहे वह झूठा है ।*

*2- जो शख्स जन्नत के तलब करने का दावा करें और सदका़ व खैरात से बाज़ रहे उसका दावा गलत है।*

*3- जो शख्स नबी करीम सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम की मोहब्बत का दावा करता हो और फुक़रा व मसाकीन से नफरत रखें उसका दावा झूठा है।*

*3- जो शख्स दोजख से खौफ रखने का दावा करें और गुनाहों से परहेज़ ना करें उसका दावा हरगिज़ सही है ।*
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*✷क़िस्त - 06✷*
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*✺ जो छह काम नहीं करता वह 6 चीजें भी नहीं पा सकता✺*

*★_ बाज़ हुकमा ने फरमाया कि जो शख्स इन 6 चीजों का ख्याल नहीं करता वह 6 चीजें भी नहीं पा सकता :-*
*1- जो शख्स खुद अपने से दूसरों को इल्म व फज़ल में ज्यादा नहीं समझता वह आदमी खुदपसंदी से निजात भी नहीं पा सकता,*
*2- जो शख्स अल्लाह ताला के पास जाने से नहीं डरता उसका दिल हराम और मुशतबा चीजों से निजात भी नहीं पा सकता,*

*3- जो शख्स मखलूक़ से उम्मीदें नहीं तोड़ सकता वह आदमी लालच से निजात भी नहीं पा सकता,*
*4- जो शख्स अपने कामों की निगेहबानी नहीं कर सकता वह आदमी दिखावे से भी निजात नहीं पा सकता,*

*5- जो शख्स दिल की हिफाज़त के लिए अल्लाह ताला से मदद नहीं मांग सकता वह आदमी हसद जैसी बीमारी से निजात भी नहीं पा सकता,*
*6- जो वह शख्स अल्लाह से नहीं डरता वह जुबान की लग्जिशों से भी महफूज़ नहीं रह सकता ।*
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*✷क़िस्त - 07✷*
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*✺ एक गुनाह करने में दस तरह के ऐब हैं✺*

*★_किताब ”तंबीहुल रिजाल” में बुजुर्गों का कौ़ल लिखा है कि 1 गुनाह करने में 10 ऐब हैं :-*
*१_ जब बंदा कोई गुनाह करता है तो उस खुदा ए खालिक़ व बरतर को नाराज़ करता है जिसको उस पर हर वक्त कु़दरत हासिल है।*
*२_अपने ऐसे साथियों को तकलीफ पहुंचाई जो उसको कभी तकलीफ नहीं देते यानी वह फरिश्ते जो उसके मुहाफिज़ हैं।*

*३_ऐसी ज़ात को खुश करता है जो खुदा के नज़दीक सबसे ज्यादा ज़लील और का़बिले नफरत है यानी शैतान मलून जो उसका भी दुश्मन है और खुदा का भी दुश्मन है।*
*४_ निहायत अच्छे मुका़म यानी जन्नत से दूर हो जाता है,*
*५_ बहुत बुरे मुका़म यानी दोजख के क़रीब हो जाता है ,*

*६_ वह ऐसे शख्स पर जुल्म करता है जो उसको सबसे ज्यादा प्यारा है यानी खुद अपने आप पर,*
*७_ उसने अपने आप को नापाक कर लिया हालांकि अल्लाह ताला ने उसको पाक व साफ पैदा किया था ,*
*८_ अपनी गुनहगारी पर ज़मीन और आसमान ,रात और दिन को गवाह बनाया और उन्हें तकलीफ़ पहुंचाई_,*

*९_हजरत रसूल ए करीम ﷺ की रूहे पाक को क़ब्रे अनवर में गमगीन किया,*
*१०_उसने खुदा की मखलूक़ के साथ चाहे इंसान हो या गैर इंसान, ख़यानत की _,*
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*✷क़िस्त - 08✷*
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*✺ 6 बातें खैर का दरवाज़ा बंद कर देती हैं ✺*

*★_ हजरत याहया बिन मुआ’ज़ रहमतुल्लाहि अलैहि से रिवायत है कि अल्लाह ताला अपने बंदों पर खेर का दरवाजा 6 बातों की वजह से बंद कर देता है:-*

*१_ लोग अल्लाह की नियामतें खाते हैं और शुक्र नहीं बजा लाते_,*

*२_ गुनाह करते चले जाते हैं और तोबा नहीं करते _,*

*३_ जबकि लोग इल्म हासिल करते हैं और उस पर अमल नहीं करते _,*

*४_ नेक लोगों के साथ बैठते हैं और उनके तरीक़े पर नहीं चलते_,*

*५_ माल व दौलत के मालिक होते हैं और आखिरत के लिए कुछ तोशा जमा नहीं करते _,*

*६_ मुर्दे को दफन करते हैं और नसीहत नहीं पकड़ते _,*
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*✷क़िस्त - 09✷*
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*✺ कयामत के दिन 3 किस्म के लोग गम में रहेंगे ✺*

*★_रिवायत में है कि कयामत के दिन सबसे ज्यादा अफसोस 3 किस्म के आदमियों के लिए हैं :-*

*१_ वह आका़ ( मालिक ) जिसका कोई नेक बख्त गुलाम ( नौकर ) हो और उसको उसके आमाल की वजह से कयामत के दिन जन्नत में दाखिल किया जाएगा और उसके बद आमाल आका़ को जहन्नम में फेंका जाएगा, उस वक्त उस आका़ को अपनी दौलत पर सख्त हसरत अफसोस होगा _,*

*२_ वह शख्स जिसने बड़ी मेहनत से झूठ बोल बोल कर और जकात व खैरात को रोक रोक कर माल व दौलत जमा किया और मर गया ,फिर उसके वारिसों ने उस माल व दौलत को खुदा की इता’अत में खर्च किया जिसकी वजह से वह वारिस कयामत के दिन निजात पाकर जन्नत में जाएंगे और माल जमा करने वाला दोजख में फेंका जाएगा _,*

*३_ वह आलिम जो खुद बे अमल हो और लोगों को हदीस की बातें सुनाए , लोग उसकी बातों की वजह से कयामत के दिन निजात पा जाएंगे और खुद आलिम बे अमल जहन्नम में होगा_,*

*(हवाला- तज़किरतुल वाईजी़न- 250)*
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*✷क़िस्त -10✷*
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*✺ सदका़ व खैरात करने वाले के लिए दुनिया व आखिरत में 6 नियामतें ✺*

*★_ शेख अहमद जाम रहमतुल्लाहि अलैही फरमाते हैं कि सदका़ व खैरात करने वाले के लिए 6 इनामात हैं ,पांच दुनिया में और एक आखिरत में ,दुनिया के 5 इनामात यह है :-*

*१_ उसका माल पाक हो जाता है _,*
*२_ उसका जिस्म अंदर से पाक हो जाता है _,*
*३_उसके बदन की बीमारी खत्म हो जाती है _,*
*४_ हमेशा अल्लाह का ज़िक्र उसकी ज़ुबान पर जा़री होता है_,*
*५_ वह शख्स मौत के वक्त बा आवाज़ें बुलंद कलमा शहादत पढ़ेगा _,*

*★_ आखिरत में यह है कि क़यामत के दिन जब तमाम लोग अल्लाह ताला के सामने हिसाब के लिए हाज़िर होंगे और आफताब सवा नेज़े पर होगा, वह शख्स अपने सदका़ व खैरात के साए में रहेगा _,*

*📕 हवाला तज़किरतुल वाईजी़न- 145 _,*
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*✷क़िस्त - 11✷*
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*✺ हमेशा बा वज़ु रहने की 13 बरकतें ✺*

*★_ हमेशा बा वज़ु रहने वाले के लिए 13 फज़ीलते यह है :-*
*१_ बा वज़ु रहने वाले के तमाम आजा़ अल्लाह ताला की तस्बीह करते हैं,*
*२_ उसकी तकबीरें अवला इंशाल्लाह फौत ना होगी ,*
*३_ जब सो जाता है तो अल्लाह ताला फरिश्ते भेज देता है जो उसे जिन्न व इंसान के शर से महफूज़ रखते हैं,*
*४_ रसूलुल्लाह सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम की सुन्नत का पाबंद रहेगा_,*

*५_अल्लाह ताला उसके फक़्र व हाजत को दूर कर देगा _,*
*६_तमाम फरिश्ते और अल्लाह के अर्श को उठाने वाले उसके लिए दुआए मग्फिरत करते हैं,*
*७_ मौत के वक्त उसे गैब से आवाज़ आती है कि ए मेरे बंदे ! कोई खौफ व गम ना कर क्योंकि मैं तुझसे राज़ी हूं _,*

*८_ मौत की सख्ती उस पर आसान हो जाती है,*
*९_ किरामन कातिबीन का कलम उसका सवाब लिखने की वजह से हर वक्त तर रहता है,*
*१०_अल्लाह ताला उसको जन्नत के शहद की वह शराब पिलाएगा जिस पर आज तक मोहर लगा रखी है_*

*११_उसको अल्लाह की इबादत की तौफीक नसीब होगी ,*
*१२_ उसका दिल हमेशा नरम रहेगा जिसकी वजह से अल्लाह ताला उसको शहीदों के ज़मरे (जमात) में दाखिल करेगा,*
*१३_उसका शुमार अल्लाह व रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम की जमात में होगा _,*
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*✷क़िस्त - 12✷*
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*✺ हसद करने वाले पर 5 मुसीबतें ✺*

*★_ बुजुर्गों का क़ौल है कि हसद से बढ़कर इंसान के लिए कोई भी चीज़ मुसीबत देने वाली नहीं क्योंकि हसद करने वाला पांच मुसीबतों का मुस्तहिक़ है जिनका महसूद ( यानी जिससे हसद किया जाए ) पर कोई असर नहीं पड़ता :-*

*१_ बेइंतेहा गम _,*

*२_ वह मुसीबत जिसका कोई अजरों सवाब नहीं _,*

*३_ मज़म्मत ( बुराई ) जिसके साथ कोई तारीफ नहीं_,*

*४_ उससे खुदा नाखुश होता है_,*

*५_ उस पर तौबा का दरवाज़ा बंद रहता है और उसको तौबा की तौफीक़ नहीं होती_,*
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*✷क़िस्त -13✷*
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*✺ शैतान के 10 दोस्त ✺*

*★_ शैतान के यह 10 लोग दोस्त और भाई है :-*

*१_ जालिम बादशाह _,*
*२_ मालदार तकब्बुर करने वाला _,*
*३_ ख़यानत करने वाला _,*
*४_ शराब पीने वाला _,*
*५_ गीबत करने वाला _,*

*६_ बदकारी करने वाला _,*
*७_ यतीमों का माल खाने वाला_,*
*८_ नमाज में सुस्ती करने वाला_,*
*९_ जकात ना देने वाला _,*
*१०_ज्यादा उम्मीदें बांधने वाला _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं.28 ,*
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*✷क़िस्त -14✷*
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*✺ 5 बातों को गनीमत जानो ✺*

*★_ बाज़ बुजुर्गों ने फरमाया कि अपनी जिंदगी में पांच बातों को गनीमत जानो :-*

*१_ अगर मौजूद रहो तो पहचाने ना जाओ _,*
*२_ अगर गायब रहो तो तलाश ना किए जाओ _,*
*३_ अगर हाज़िर रहो तो तुमसे मशवरा ना किया जाए _,*
*४_ अगर तुम कोई बात कहो तो उसको क़ुबूल न किया जाए _,*
*५_ अगर तुम कोई अच्छा अमल कर बैठो तो खुद पसंदी में मुब्तिला ना हो जाओ_,*

*★_ मज़ीद 5 बातों की वसीयत करते हैं :-*

*१_ अगर तुम पर जुल्म हो तो तुम जुल्म ना करो _*
*२_अगर तुम्हारी तारीफ की जाए तो तुम खुश ना हों_,*
*३_ अगर तुम्हें झुठलाया जाए तो तुम गुस्से में ना आओ_,*
*४_ अगर तुम्हारी बुराई बयान की जाए तो तुम परेशान ना हों_,*
*५_ अगर तुम्हारे साथ ख़यानत हो जाए तो तुम ख़यानत ना करो _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 28,बा हवाला मवाइज़*
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*✷क़िस्त -15✷*
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*✺ तीन काम अल्लाह की रहमत का ज़रिया हैं ✺*

*★__ हज़रत इब्ने अब्बास रज़ियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि जनाबे रसूलुल्लाह ﷺ ने इरशाद फरमाया :- तीन सिफात ऐसी हैं जिसमें पाई जाएंगी अल्लाह ताला उसको अपने क़रीब जगह देंगे, अपनी रहमत से उस (के गुनाहों और ऐबों ) की पर्दा पोशी करेंगे और उसको अपनी मोहब्बत में दाखिल करेंगे _,*

*१_वह शख्स जिसको कोई नियामत दी जाए तो शुक्र करें _,*
*२_जब किसी (ज़ालिम वगैरा) पर इंतकाम की कु़दरत पाए तो माफ कर दे_,”*
*३_जब गज़बनाक हो तो गुस्सा पी जाए_,”*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं.२९- बा हवाला हाकिम ,*
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*✷क़िस्त - 16✷*
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*✺ 4 सिफात पर जन्नत के महल का तोहफा ✺*

*★_ हजरत अब्दुल्लाह बिन अमरु बिन आस रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं- चार सिफात ऐसी हैं कि वह जिस शख्स में पाई जाएंगी अल्लाह ताला उसके लिए जन्नत में महल बना देंगे :-*

*१_ और जब उसको कोई चीज़ दी गई तो उसने अल्हम्दुलिल्लाह कहा _,*

*२_और जब कोई गुनाह सर्ज़द हो तो उसने कहा अस्तगफिरुल्लाह _, ( मैं इस गुनाह के बारे में अल्लाह से माफी चाहता हूं)*

*३_वह शख्स जिसके मामले का तहफ्फुज़ ला इलाहा इल्लल्लाह हो (यानी जिस शख्स को कोई भी अहम काम पेश आ जाए तो वह कलमा तौहीद के साथ अपना बचाव करें जुबान से पढ़कर और अल्लाह पर भरोसे के साथ)*

*४_ जब उसको कोई मुसीबत पहुंचे तो इन्ना लिल्लाही वा इन्ना इलैही राजिऊन कहे ( हम भी उसी के हैं और यह चीज़ भी उसी की है यह भी अल्लाह की तरफ चली गई और हम भी उसी की तरफ चले जाएंगे )*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं.३१ बा हवाला अशकुरुल्लाह इब्ने अबी दुनिया-१८५ ,*
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*✷क़िस्त -17✷*
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*✺ 6 चीजें दिलों में फसाद पैदा करती है ✺*

*★_ हजरत हसन बसरी रहमतुल्लाह फरमाते हैं कि दिलों में फसाद 6 चीज़ों से पैदा होता है :-*

*१_पहली चीज़ यह है कि लोग तौबा की उम्मीद पर गुनाह करते रहते हैं_,*

*२_ दूसरी चीज़ यह है कि अपने मुर्दों को दफन करते हैं और दहशत नहीं पाते _,*

*३_ तीसरी चीज़ यह है कि अमल करते हैं और इखलास पैदा नहीं करते_,*

*४_ चौथी चीज़ यह है कि अल्लाह की रिज़्क़ खाते हैं और शुक्र नहीं करते_,*

*५_ पांचवी चीज यह है कि अपनी तक़सीम चाहते हैं और अल्लाह की तक़सीम पर राज़ी नहीं रहते_,*

*६_ छठी चीज़ यह है कि इल्म सीखते हैं अमल नहीं करते _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं.32 ,*
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*✷क़िस्त -18✷*
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*✺ अखलाक़ियात की तीन बातें ✺*

*★_ हुजूर अकरम ﷺ के हकी़की चचाजा़द भाई हजरत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं, अखलाक़ियात में से तीन बातें ऐसी हैं जो ज़माना जाहिलियत में भी अच्छी समझी जाती थी, मुसलमान तो उन बातों के और भी ज्यादा लायक़ व सजा़दार हैं :-*

*१_ अगर उनके यहां कोई मेहमान आता तो खूब लगन से उसकी मेहमान नवाजी़ करते_,*

*२_ अगर किसी की बीवी बूढ़ी हो जाती तो उसे तलाक ना देते बल्कि इस अंदेशा से कि कहीं यह बेचारी बर्बाद ही ना हो जाए उसे अपने पास ही रखते _,*

*३_अगर उनके हमसाया (पड़ोसी) को क़र्ज या तंगदस्ती या कोई और आफत पहुंचती तो वह लोग उसके कर्ज़ की अदायगी और उसे परेशानी से निकालने के लिए पूरी पूरी जद्दोजहद से काम लेते _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं.३२ बा हवाला तंबीहुल गाफिलीन-५१ ,*
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*✷क़िस्त -19✷*
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*✺ कसरत से हंसने वाले पर 10 अज़ाबात ✺*

*★_ बाज़ अहले मार्फत का कहना है कि जो शख्स कसरत से हंसेगा वह 10 अज़ाबों में मुब्तिला होगा :-*

*१_उसके चेहरे की रौनक़ जाती रहेगी _,*
*२_ उसका दिल मर जाएगा_,*
*३_ शैतान उससे खुश होगा_,*
*४_ अल्लाह ताला को क़यामत के दिन उससे नफरत होगी_,*
*५_ फरिश्ते उस पर लानत करेंगे_,*

*६_ उसकी बदकारियों से मीजा़ने अमल वजनी हो जाएगा_,*
*७_ पुल सिरात पर 40 बरस तक खड़ा रहेगा _,*
*८_ रसूलुल्लाह ﷺ क़यामत के दिन उससे मुंह फैर लेंगे_,*
*९_ ज़मीन व आसमान के रहने वाले उसके बुग्ज़ रखेंगे _,*
*१०_ क़यामत में तमाम अंबिया व औलिया व शोहदा के सामने ज़लील व रुसवा होगा _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. ३४,*
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*✷क़िस्त - 20✷*
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*✺ वालदेन के नाफरमान को 12 मुसीबतों से गुज़रना पड़ेगा ✺*

*★_ अहले मार्फत का कहना है की वालदेन के नाफरमान को 12 मुसीबतों से गुजरना पड़ेगा :-*

*1_वालदेन के नाफरमान शख्स की नेकियों का सहीफा खुश्क रहेगा,*
*२_ नाफरमान शख्स को इता’ते बारी ताला की तौफीक ना होगी,*
*३_ नाफरमान शख्स की नमाजे रोजे और इबादत कु़बूल ना होगी_,*
*४_ नाफरमान शख्स बगैर तौबा के इस दुनिया से जाएगा_,*

*५_ नाफरमान शख्स ईमान से खाली हो कर दुनिया से कूच करेगा ,*
*६_ नाफरमान शख्स का हश्र फासिक लोगों के साथ होगा,*
*७_ नाफरमान शख्स मरते वक्त कलमा शहादत भूल जाएगा_,*
*८_ नाफरमान शख्स तोहीदे बारी ताला भूल जाएगा,*

*९_ नाफरमान शख्स मुनकर नकीर फरिश्तों को सही जवाब ना दे सकेगा ,*
*१०_ नाफरमान शख्स की पेशी अल्लाह ताला के हुजूर में सख्त होगी,*
*११_ नाफरमान शख्स की कब्र उस पर तंग कर दी जाएगी,*
*१२_ नाफरमान शख्स जहन्नम का मुस्तहिक़ होगा _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 35,*
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*✷क़िस्त - 21✷*
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*✺ रोशन क़ब्रों वाले नेक लोगों के 11 गिरोह ✺*

*★_ बाज़ अहले मार्फत ने लिखा है कि नेक लोगों के 11 गिरोह ऐसे हैं जिनकी क़बरों में क़यामत तक रोशनी और फराखी होगी :-*

*१_ वह शख्स जो बीमार की अयादत को जाए _,*
*२_ जो शख्स गर्मियों में रोज़े रखे _,*
*३_ जो शख्स अपने क़ौल का सच्चा हो_,*
*४_ जो शख्स अपने मुसीबत ज़दा भाई की मदद करें _,*

*५_ जो अपने मां-बाप की खिदमत गुजा़री और फरमाबरदारी करें_,*
*६_ वह औरत जिसका शौहर उससे खुश हो_,*
*७_ जो शख्स उम्मते मोहम्मदिया की इस्लाह व दुरुस्ती को दोस्त रखें ( यह वह उलमा ए उम्मत हैं जो फिक़हा व हदीस की तालीम उम्मत को देते हैं )*

*८_ वह साहिबे ईमान जिसकी तमाम उम्र फाक़े की वजह से भूख में गुज़री _,*
*९_जिसने कसरत से कलमा तैय्यबा ला इलाहा इल्लल्लाहु मुहम्मदुर रसूलुल्लाह का विर्द रखा _,*
*१०_जो शख्स फुक़रा मसाकीन और यतीमों से मोहब्बत रखें _,*
*११_ वह सखी मर्द जो अपनी थोड़ी आमदनी से अल्लाह की राह में खैरात करें _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 37,*
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*✷क़िस्त -22✷*
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*✺ चार चीजों में ईमान की मिठास पाई जाती है ✺*

*★_ सैयदना उस्मान रज़ियल्लाहु अन्हु ने फरमाया:- मैंने इबादत की चाशनी चार चीज़ों में पाई है :-*

*१_ अल्लाह के मुकर्रर करदा फराइज़ की अदायगी में _,*

*२_अल्लाह की हराम करदा चीजों से बचने में _,*

*३_ अल्लाह की रज़ा हासिल करने की गर्ज़ से नेकी का हुक्म देने में _,*

*४_ अल्लाह के गज़ब से बचने की खातिर बुराई से रोकने में _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं.३९ बा हवाला इर्शादुल इबाद-९० ,*
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*✷क़िस्त -23✷*
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*✺ 9 क़िस्म की आग और उनका इलाज ✺*

*★_ अहले मार्फत का कहना है कि आदम की औलाद के अंदर नौ कि़स्म की आग मौजूद हैं जिन्हें बुझाने के लिए नौ कि़स्म के पानी की जरूरत है :-*

*१_ शहवत एक आग है जिसको सिर्फ रोज़ा बुझाता है ,*
*२_ हिर्स एक आग है जो मौत की आग से बुझती है,*
*३_ निगाह की आग के लिए दिल में खौफे खुदा की ज़रूरत है ,*
*४_ गफलत की आग के लिए अल्लाह का ज़िक्र ज़रूरी है ,*

*५_ जहालत कि आग के वास्ते इल्म की बातें सुनने की ज़रूरत है,*
*६_ पेट की आग को हलाल रोज़ी की हाजत है,*
*७_ जुबान की आग के लिए तिलावते क़ुरान ज़रूरी है ,*
*८_ गुनाह की आग को तौबा का पानी बुझाता है ,*
*९_ शर्मगाह की आग के लिए निगाहे हलाल चाहिए _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. ४४,*
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*✷क़िस्त -24✷*
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*✺ इंसान की बदबख्ती की 11अलामात ✺*

*★_ इंसान की बदबख्ती की 11अलामाते है :-*

*१_आदमी माल जमा करने पर हरीस हो,*
*२_ बद अखलाक़ हो,*
*३_ उसकी हिम्मत शहवत और दुनिया की लज्जत में हो ,*
*४_ मुतकब्बीर और फख्र करने वाला हो,*
*५_ फहस बातें करने वाला हो और गीबत करने वाला हो,*

*६_ पांच वक्त की नमाजों में सुस्ती करने वाला हो ,*
*७_उसकी सोहबत बुरे लोगों के साथ हो,*
*८_ मोमिन के लिए कम रहम करने वाला हो ,*
*९_ बखील हो ,*
*१०_ लोगों का नफा ना चाहने वाला हो,*
*११_ मौत को भूलने वाला हो ,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 44,*
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*✷क़िस्त -25✷*
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*✺ नफ्स की इसलाह के लिए चार अनमोल बातें ✺*

*★_ हजरत शेख मुनीर रहमतुल्लाहि अलैहि ने अपनी असनाद में तहरीर फरमाया है कि मैंने 4लाख किताबें मुताला करके उनमें से चार बातें अख्तियार की , अपने नफ्स से कहता हूं :-*

*★_१_ ए नफ्स ! अगर तू इबादत करता है तो खालिस अल्लाह ताला के लिए इबादत कर, वरना उस का दिया हुआ रिज़्क खाना छोड़ दें _,*

*_२_ जिस चीज़ से अल्लाह ताला ने मुझको मना फ़रमाया है उससे बाज़ रह वरना उसके मुल्क से निकल जा _,*

*_ ३_ जो कुछ अल्लाह ताला ने क़िस्मत में लिख दिया है उस पर राज़ी हो , वरना अल्लाह को छोड़कर कोई दूसरा परवरदिगार ढूंढ ले _,”*

*_ ४_ ए नफ्स ! अगर तू किसी गुनाह का इरादा करें तो पहले ऐसी जगह तजवीज़ कर जहां तुझको अल्लाह पाक ना देखें , वरना अगर निजात की ख्वाहिश है तो गुनाह का नाम हरगिज़ ना ले _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं.45 ,*
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*✷क़िस्त -26✷*
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*✺ ज़िन्दगी में इंसान को 4 चीजों का गम ✺*

*★_ उलमा का क़ौल है कि ज़िन्दगी में इंसान को चार चीज़ों का ग़म होना चाहिए :-*

*१_ अपने पिछले गुनाहों को याद करके गमगीन होना चाहिए जिनकी निस्बत मालूम नहीं कि अल्लाह ताला माफ फरमाएगा या नहीं_,*

*२_ यह मालूम है कि पिछली जिंदगी कैसी गुजरी लेकिन इसकी कुछ खबर नहीं कि आइंदा जिंदगी कैसी बसर होगी इस बात की गमगीनी दिल में होनी चाहिए_,*

*३_ इस बात की खबर है कि अल्लाह ताला के यहां जन्नत और दोजख दो ही ठिकाने हैं लेकिन इस बात का इल्म नहीं कि आखिरत में अपना ठिकाना कहां होगा ?_,*

*४_ यह नहीं मालूम कि अल्लाह ताला हमसे खुश हैं या ना खुश ?*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं.47 ,*
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*✷क़िस्त - 27✷*
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*✺ 5 आमाल हर इंसान को करने चाहिए ✺*

*★_ हजरत मैमून बिन मेहरान रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि पांच बातों पर मुसलमान और गैर मुस्लिम दोनों को बराबर अमल करना चाहिए :-*

*१_ अगर तुम्हारे पास कोई शख्स अमानत रखे तो उसे अदा करो ,*

*२_ जो शख्स तुम्हारा अज़ीज़ व रिश्तेदार है तो उसके साथ सुलूक में एहसान करो चाहे वह मुसलमान हो या गैर ,*

*३_ जिस शख्स से कोई अहद व पैमान करो उसे पूरा करो ,*

*४_अगर तुम्हारे मां-बाप जिंदा हो तो उनकी खिदमत करो ,*

*५_ जिस शख्स का तुम्हारे ज़िम्मे कर्ज़ हो उसे जल्द अदा कर दो चाहे वह मुसलमान हो या गैर ,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं.47- तज़किरतुल वाईजी़न ,*
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*✷क़िस्त -28✷*
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*✺_4 तरह के हदियों का अहतमाम ✺*

*★_ एक बुजुर्ग फरमाते हैं कि रोजाना इन हदियों का अहतमाम किया करो, यह हदिए उस वक्त काम आएंगे जब कोई चीज काम ना देगी, वह हदिए यह है :-*

 *✺ मलेकुल मौत के लिए चार हदिए *✺*

*१_ झगड़ने वाले को राज़ी करना,*
*२_ फौत शुदा ( क़जा़ ) इबादत को अदा करना,*
*३_ मौत के लिए तैयार रहना,*
*४_ अल्लाह के दीदार का शौक रखना,*

 *✺ क़ब्र के लिए 4 हदिए ✺*

*१_ चुगल खोरी तर्क करना ,*
*२ कुरान मजीद पढ़ना ,*
*३_पैशाब के छींटों से अहतियात के साथ पाक रहना,*
*४_ रात को जब सब लोग सो रहे नमाजे तहज्जुद अदा करना _*

 *✺ मुंकर नकीर के लिए 4 हदिए ✺*

*१_ सच बोलना ,*
*२_गीबत से तौबा करना ,*
*३_ हक़ बात कहना ,*
*४_मखलूक़ के साथ तवाजो़ से पेश आना ,*

 *✺ मीज़ाने अमल के लिए 4 हदिए ✺*

*१_ अमल में इखलास ,*
*२_ खुश अखलाक़ी ,*
 *३_ जिक्र ए इलाही की कसरत,*
*४_ तकलीफ की बर्दाश्त,* 

 *✺ पुल सिरात के लिए चार हदिए ✺*

*१_ गुस्से को जब्त करना ,*
*२_ परहेज़ गारी ,*
*३_मुसलमान की मदद करना ,*
*४_ जुमे की नमाज़ पढ़ने के लिए पैदल जाना _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 48,*
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*✷क़िस्त - 29✷*
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*✺ 4 तरह के हदियों का अहतमाम-2 ✺*

*★_ एक बुजुर्ग फरमाते हैं कि रोजाना इन हदियों का अहतमाम किया करो , यह हदिए उस वक्त काम आएंगे जब कोई चीज काम ना देगी, वह हदिए यह है :-*

 *✺ मालिक दोजख के लिए 4 हदिए ✺*

*१_ खौफे इलाही से रोना ,*
*२_ छिपा कर खैरात देना,*
*३_ गुनाह से बाज़ आना ,*
*४_ मां-बाप की खिदमत करना,*

 *✺ रिज़वान जन्नत के लिए 4 हदिए ✺*

*१_ सख्तियों पर सब्र करना,*
*२_ माल की खैरात ,*
*३_ हुक़ूक़ुल्लाह की निगाहदाश्त ,*
*४_ मौत को हर वक्त याद रखना, बाज़ कहते हैं कि औलिया अल्लाह से मोहब्बत रखना,*
                      
 *✺ नबी करीम ﷺ के लिए 4 हदिए ✺*

*१_ हुजूर सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम से मोहब्बत रखना,*
*२ आप ﷺ के अहले बैत किराम से मोहब्बत रखना,*
*३_ आप ﷺ की हिदायत पर चलना और सुन्नतों का अहतमाम करना ,*
*४_आप ﷺ के सहाबा रज़ियल्लाहु अन्हुम को मोहब्बत से याद करना ,*

 *✺ अल्लाह ताला के लिए चार हदिए ✺*

*१_ लोगों को नेक काम का हुक्म देना,*
*२_ बुरी बातों से बाज़ रखना,*
*३_ खल्के खुदा की खैरख्वाही करना ,*
*४_ हुक्मे खुदा पर राज़ी होना,*

*➡️ जिस बंदा ए मोमिन में यह 36 सिफातें होंगी उसको अल्लाह ताला जरूर जन्नत में दाखिल करेगा _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 49,*
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*✷क़िस्त - 30✷*
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*✺ लोग 6 चीज़ों की मोहब्बत में 6 चीज़ों को भूल जाएंगे ✺*

*★_ जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम ने फरमाया कि मेरी उम्मत पर एक ज़माना आने वाला है जिसमें लोगों को 6 चीजों से मोहब्बत होगी और 6 चीज़ें भूल जाएंगे :-*

*१_मखलूक़ से मोहब्बत रखेंगे और खालिक़ को भूल जाएंगे ,*
*२_ महलों से मोहब्बत रखेंगे और क़ब्रों को भूल जाएंगे ,*

*३_ गुनाहों से मोहब्बत रखेंगे और तौबा को भूल जाएंगे ,*
*४_ दुनिया से मोहब्बत रखेंगे और आखिरत को भूल जाएंगे ,*

*५_ ज़िंदगी से मोहब्बत रखेंगे और मौत को भूल जाएंगे ,*
*६_ माल से मोहब्बत रखेंगे और ज़कात को भूल जाएंगे ,*

*★"_ ऐसे लोगों से क़यामत के दिन अल्लाह ताला बेज़ार होगा _,* 

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं.52, तज़किरतुल वाईजी़न ,*
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*✷क़िस्त - 31✷*
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*✺5 आदमियों के साथ ना बैठने की वसीयत✺*

*★_ हजरत अबू जाफर मोहम्मद बिन अली फरमाते हैं कि मेरे वालिद ने वसीयत फरमाई :-*
*"_ 5 आदमियों के साथ ना रहना और ना उनसे बातें करना और ना रास्ते में उनके साथ गुफ्तगू करना, मैंने कहा - मैं आप पर कुर्बान जाऊं! वह पांच अशखास कौन है ? उन्होंने कहा :-*

*१_ फासिक़ के साथ ना उठना बैठना इसलिए कि वह तुझे एक लुक़में या उससे भी कम के बदले में बेच देगा , मैंने कहा- एक लुक़मा से कम से क्या मुराद है ? फरमाया - वह लुक़मे की लालच करेगा फिर उससे भी महरूम रहेगा _,*

*२_ बखील के पास ना उठना बैठना इसलिए कि वह ऐसे वक्त में माल रोक लेगा जब तुझे उसकी जरूरत होगी _,*

*३_ झूठे के साथ मेल मिलाप ना रखना इसलिए कि वह शराब की तरह है, क़रीब को दूर और दूर को क़रीब कर देता है _,"*

*४_ अहमक से बचना इसलिए कि वह चाहेगा कि तुझे नफा पहुंचाए लेकिन वह तुम्हें नुकसान पहुंचा देगा _,*

*५_ रिश्तेदारी का ताल्लुक खत्म और कता करने वालों के साथ मेलजोल ना रखना इसलिए कि ऐसे शख्स को मैंने किताबुल्लाह में तीन मुका़म आप पर मल'ऊन पाया है _,"*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं.५४ ,शोबुल ईमान,**
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*✷क़िस्त -32✷*
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 *✺ खुद को 4 क़िस्म के पानी से साफ करो ✺*

*★_ हजरत याहया बिन मुआ'ज़ रहमतुल्लाहि अलैहि का कॉ़ल है कि अपने आपको चार क़िस्म के पानी से धोकर साफ करना चाहिए :-*

*१_ चेहरे को शर्म के पानी से,*
*२_ दिल को गुनाहों की शर्मिंदगी और नदामत के पानी से,*
*३_ जिस्म को हुरमते दीन के पानी से ,*
*४_ ज़ुबान को माज़रत (माफी) के पानी से ,*

*➡️ जिस शख्स में यह खूबियां होंगी वह बंदा सालेह और परहेज़ गार होगा ।*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं.५४ ,*
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*✷क़िस्त - 33✷*
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*✺ हैरत और ताज्जुब के ४ मक़ामात ✺*

*★_ हदीसे क़ुदसी में आया है कि अल्लाह ताला ने हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम से फरमाया कि ऐ मूसा ! मैंने चार चीजों को चार खास मका़मों पर रखा है और लोग वह चीजें दूसरे मकामात पर तलब करते हैं , लिहाजा उन चीजों को क्यों कर पा सकते हैं ?*

*१_ मैंने इज्ज़त को खालिक़ की खिदमत में रखा है और लोग बादशाहों के दरवाजों पर इज्जत ढूंढते हैं, लिहाजा कैसे पा सकते हैं ?*

*२_ मैंने राहत को जन्नत में रखा है और लोग दुनिया में तलब करते हैं, लिहाजा कैसे पा सकते हैं ?*

*३_मैंने इल्म को फाक़ा कशी में रखा है और लोग शिकम शेरी (भरे पेट) में ढूंढते हैं, लिहाजा कैसे पा सकते हैं?*

*४_ मैंने बेनियाजी को क़ना'त में रखा है और लोग उसको हिर्स में ढूंढते हैं लिहाजा कैसे पा सकते हैं , कैसे हासिल कर सकते हैं ?*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. ५५,*
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*✷क़िस्त - 34✷*
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*✺ हजरत आदम अलैहिस्सलाम की तौबा 5 वजहों से क़ुबूल हुई ✺*

*★_ रिवायत है की हजरत आदम अलैहिस्सलाम की तौबा पांच बातों की वजह से कुबूल हुई :-*

*१_ हजरत आदम अलैहिस्सलाम ने गुनाह को अपनी जा़त से मंसूब किया,*

*२_ गुनाह करके शर्मिंदा हुए ,*

*३_ अपने नफ्स को मलामत किया ,*

*४_ तौबा करने में जल्दी की ,*

*६_ रहमत ए इलाही से नाउम्मीद नहीं हुए ,*

*➡️ लिहाज़ा जिस शख्स की हालत हजरत आदम अलैहिस्सलाम की मानिंद होगी अल्लाह ताला उसकी तौबा क़ुबूल फरमाएगा _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं.५६ तज़किरतुल वाईजी़न ,*
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*✷क़िस्त - 35✷*
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*✺ शैतान पर लानत 5 बातों की वजह से पढ़ी ✺*

*★_ शैतान की गर्दन में पांच बातों की वजह से लानत का तौक़ पड़ा :-*

*१_ शैतान ने अपने गुनाह का इकरार नहीं किया,*

*२_ गुनाह करके शर्मिंदा नहीं हुआ ,*

*३_ अपने नफ्स को मलामत नहीं किया ,*

*४_ तोबा की तरफ माइल नहीं हुआ ,*

*५_अल्लाह की रहमत से ना उम्मीद हो गया ,*

*➡️ जिसकी कैफियत शैतान के मुशाबा होगी उसकी तौबा हरगिज़ क़ुबूल ना होगी ,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 56,*
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*✷क़िस्त -36✷*
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*✺ मोमिन 6 तरह के खौफ में घिरा रहता है ✺*

*★_ हज़रत उस्मान गनी रज़ियल्लाहु अन्हु ने फ़रमाया कि मोमिन 6 तरह के खौफ में मुब्तिला रहता है :-*

*१_ अल्लाह से डरता है कि वह उससे ईमान ना छीन ले ,*
*२_आमाल लिखने वाले फरिश्तों से डरता है कि वह कोई ऐसी चीज़ ना लिख लें जिसकी वजह से वह क़यामत के दिन ज़लील व रुसवा हो ,*

*३_ शैतान से डरता है कि वह उसके अमल को बातिल ना कर दे,*
*४_ मलकुल मौत से डरता है वह उसे अचानक गफलत में ना आ ले ,*

*५_दुनिया से डरता है कि वह उसे धोखे में डालकर आखिरत से गाफिल ना कर दे ,*
*६_ अहलो अयाल से डरता है कि उनके साथ मशगूल होकर अल्लाह के ज़िक्र से गाफिल ना हो जाए ,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं.५६ ,*
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*✷क़िस्त -37✷*
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*✺ जन्नत 10 क़िस्म के लोगों के लिए मुंतजिर है ✺*

*★_ तमाम मखलूक़ जन्नत की मुश्ताक है जबकि जन्नत को 10 लोगों का इश्तियाक़ है :-*

*१_ जो शख्स रात को नींद से उठ कर दो रकात नमाज अदा करें (यानी तहज्जुद की नमाज़ पढ़े)*
*२_ जो शख्स गर्मियों में रोज़े रखे ,*
*३_जिसकी तकबीरें अवला फौत ना हो,*
*४_ जो शख्स इबादत ए इलाही की वजह से रात को बहुत कम सोए ,*
*५_ जो शख्स हमेशा सच्ची बात जुबान पर लाए,*

*६_ जो शख्स शराब वगैरा कोई नशे की चीज इस्तेमाल ना करें,*
*७_ जो शख्स हमेशा बा वजू रहे,*
*८_ जो शख्स हर आन नबी करीम सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पर दरूद शरीफ भेजें,*
*९_ जो शख्स अपने घरवालों और औलाद के साथ रहम और शफक़त से पेश आए,*
*१०_जो शख्स किसी भूखे को पेट भर के खाना खिलाए या प्यासे को पानी से सैराब करें या बरहना को कपड़े पहनाए या किसी की कोई और हाजत पूरी करें ,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. ५९,*
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*✷क़िस्त - 38✷*
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*✺ नेक आदमी 6 चीजों में अपने आपको मसरूफ रखता है ✺*

*★_किसी दाना का क़ौल है कि नेक आदमी की मसरूफियत की 6 चीजें हैं:-*

*१_ जब अल्लाह को याद करता है तो फख्र करता है ,*
*२_जब अपने नफ्स को याद करता है तो हिका़रत से याद करता है,*

*३_ जब अल्लाह की आयात को देखता है तो नसीहत पकड़ता है,*
*४_ जब गुनाह और सेहवत का ख्याल आता है तो उसे छोड़ देता है ,*

*५_जब अल्लाह के अफू व दरगुज़र को देखता है तो खुश होता है,*
*६_ जब अपने गुनाहों को याद करता है तो अल्लाह से माफी मांगता है ,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं.59 ,*
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*✷क़िस्त -39✷*
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*✺ नेक आमाल में से 5 आला व अफज़ल आमाल ✺*

*१_ दौलत पाकर तवाजो़ अख्तियार करना,*

*२_ मुसीबत में सब्र करना,*

*३_ तंगदस्ती में सखावत करना,*

*४_ बगैर किसी क़िस्म का एहसान जतलाए अच्छा सुलूक करना ,*

*५_ बावजूद कुदरत के मुजरिम की खता को माफ कर देना ,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 60,*
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*✷क़िस्त - 40✷*
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*✺ 5 आदतों की वजह दुनिया और आखिरत की कामयाबी ✺*

*1- कलमा तैयबा का विर्द करता हो,*

*2- जब उस पर कोई मुसीबत आए तो इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलाही राजीऊन कहता है,*

*3- जब उसे कोई नियामत मयस्सर हो तो शुक्र अदा करते हुए अलहमदुलिल्लाहि रब्बुल आलमीन कहता हो,*

*4- जब कोई काम शुरू करें तो बिस्मिल्लाह से शुरू करें,*

*5- जब उससे कोई गुनाह हो जाए तो तौबा करें, अस्तगफिरुल्लाहिल अज़ीम वा अतुबु इलैहि कहता रहे ,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. ,*
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*✷क़िस्त - 41✷*
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  *✺ मखलूक़ में फसाद की 6 जड़ें ✺*

*★_ हजरत ज़ुलनून फरमाते हैं कि मखलूक़ में 6 चीज़ों से फसाद पैदा हुआ :-*

*१_ मौत क़रीब होने के बावजूद बड़ी बड़ी उम्मीदें लगाए रहते हैं,*
*२_ अपनी ख्वाहिशों की ताबेदारी करते हैं और सुन्नत ए नबवी ﷺ को पसे पुश्त डाल देते हैं,*
*३_ उनके बदन ख्वाहिशात के ताबे हैं,*

*४ लोग अल्लाह की रज़ा पर मखलूक की रज़ा को तरजीह देते हैं ,*
*५_ इंसानों की आखिरत के अमल में नियत की कमज़ोरी है,*
*६_ बुजुर्गों की मामूली लग्ज़िश को अपने लिए हुज्जत समझ लेते हैं और उनके बेशतर नेक कामों को छुपाते हैं ,*
  
*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं.68 ,*
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*✷क़िस्त - 42✷*
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*✺ पेट भर कर खाने के 5 नुकसान ✺*

*★_ हजरत याहया मा'ज़ रहमतुल्लाह फरमाते हैं कि :-*

*१_ जो शख्स पेट को ज़्यादा भरता है उसका गोश्त ज्यादा होता है,*

*२_ जिसका गोश्त ज्यादा होता है उसकी शहवत ज़्यादा होती है,* 

*३_ जिसकी शहवत ज़्यादा होती है उसके गुनाह ज़्यादा होते हैं,*

*४_ जिसके गुनाह ज़्यादा होते हैं उसका दिल सख्त होता है,*

*५_ जिसका दिल सख्त हो जाता है दुनिया और उसकी ज़ीनत में गर्क़ हो जाता है _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं.69 ,*
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*✷क़िस्त - 43✷*
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*✺ हजरत शफीक़ बलखी की 5 नसीहतें ✺*

*★_ हजरत शफीक़ बलखी रहमतुल्लाह का फरमान है कि :- ऐ लोगों ! पांच बातें अख्तियार करो और दिल से उन पर अमल पैरा हों :-*

*१_ जिस तरह से जन्नत में रहना चाहते हो तो उसी अंदाजे के मुताबिक दुनिया में नेक आमाल का जखीरा कर लो,*

*२_दुनिया से उस क़दर हिस्सा लो जिस क़दर उसमें में नेक अमल करो,*

*३_ जिस तरह से क़ब्र में रहना चाहो उसके मुताबिक नेक आमाल का तोशा साथ ले लो,*

*४_ अजाबे इलाही जिस क़दर बर्दाश्त करने की कुदरत हो उसी क़दर गुनाह करो,*

*५_जिस क़दर हो सके अपनी ताक़त के मुवाफिक़ अल्लाह ताला की इबादत करो,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. ६९,*
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*✷क़िस्त -44✷*
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*✺ 10 सूरतें 10 चीज़ों से बचाती है ✺*

*★_ अल्लामा जलालुद्दीन सेवती रहमतुल्लाह तहरीर फरमाते हैं कि 10 चीजें (सूरतें) 10 चीजों से बचाती है :-*

*१_ सूरह फातिहा अल्लाह ताला के गज़ब से बचाती है ,*
*२_ सूरह यासीन क़यामत के दिन प्यासे रहने से बचाती है,*
*३_ सूरह दुखखान क़यामत की होलनाकियों से बचाती है ,*
*४_सूरह वाकि़आ फक़रो फाका़ से बचाती है ,*
*५_ सूरह मुल्क अजा़बे कब्र से बचाती है,*

*६_ सूरह कौसर दुश्मनों की दुश्मनी से बचाती है ,*
*७_ सूरह काफिरून मौत के वक्त कुफ्र से बचाती है ,*
*८ _ सूरह इखलास मुनाफकत से बचाती है ,*
*९_ सूरह फलक़ हासिदों के हसद से बचाती हैं ,*
*१०_ सूरह नास वसवसों से बचाती है,* 

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. ७४ ,*
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*✷क़िस्त -45✷*
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*✺ 4 चीजें अमल की दुरुस्तगी के लिए ज़रूरी है ✺*
*★_ कहा जाता है कि अकलमंद शख्स को चार चीजों की जरूरत है जिनसे उस शख्स के आमाल दुरुस्त होंगे और उसकी मेहनत बर्बाद ना होगी :-*

*१_ एक तो इल्म, जो कि उसके वास्ते हुज्जत बन जाए,*

*२_ दूसरा तवक्कुल, कि इबादत में यकसुई और खुशु व खुज़ु पैदा कर सके और लोगों से किसी क़िस्म की तवक़्क़ो वाबस्ता ना हो,*

*३_ तीसरा सब्र, कि उसका अमल मुकम्मल हो ,*

*४_ चौथा इखलास , कि उसके साथ सवाब का मुस्तहिक़ हो सके _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 75,*
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*✷क़िस्त -46✷*
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*✺ हर आदमी पर ५ सख्तियां आएंगी ✺*

*★_ हर आदमी पर पांच घांटियां और सख्तियां ज़रूर आएंगी :-*

*१_ पुल सिरात से गुजरने की सख्ती ,* 
*२_ कब्र की कैद की सख्ती ,*
*३_क़यामत के दिन मैदान की सख्ती ,*
*४_ मौत की सख्ती ,*
*५_ जन्नत में जाने से पहले हिसाब किताब की सख्ती ,*

*➡️पस जो मर्द और औरत दुनिया में पांच वक्त नमाज़ हमेशा पढ़ता रहेगा उसको इन पांच सख्तियों से अल्लाह ताला बचाएगा _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं.७५ बा हवाला बनाते आएशा,*
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*✷क़िस्त -47✷*
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*✺ 3 चीज़ों का दावा 3 चीज़ों के बगैर फ़िज़ूल है ✺*

*★_ हजरत हातिम ज़ाहिद का क़ौल है कि जो आदमी तीन चीज़ों का तीन चीज़ों के बगैर दावा करता है वह शख्स झूठा है :-*

*१_ वह शख्स जो अपने परवरदिगार की मोहब्बत का दावेदार है लेकिन उसके हराम से परहेज़ नहीं करता,*

*२_ जो आदमी जन्नत की मोहब्बत का दावेदार हो लेकिन इता'ते खुदावंदी में दौलत खर्च नहीं करता,*

*३_ वह शख्स जो कि आन हजरत सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम की मोहब्बत का दावेदार हो लेकिन फ़कीर लोगों से मोहब्बत नहीं करता और उनकी सोहबत अख्तियार नहीं करता _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. ७५,*
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*✷क़िस्त -48✷*
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*✺ 3 चीजों से मुहब्बत ✺*

*★_ हजरत अबू दरदा रज़ियल्लाहु अन्हू ने कहा - मैं तीन चीजों से मोहब्बत करता हूं जबकि लोग उनसे नफरत करते हैं और वह तीन चीजें यह है:-*

*१_ फक़्र ... मैं फक्र को पसंद करता हूं क्योंकि उससे आजिज़ी पैदा होती है और अल्लाह आजिज़ी को पसंद फरमाता है ,*

*२_ बीमारी ... मर्ज़ से मोहब्बत करता हूं क्योंकि उससे गुनाह माफ होते हैं,*

*३_ मौत... मुझे मौत से मोहब्बत है क्योंकि यह अल्लाह से मुलाकात का ज़रिया है ,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. ७५,*
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*✷क़िस्त -49✷*
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  *✺ 3 चीज़ों का दावा 3 चीज़ों के बगैर फ़िज़ूल है ✺*

*★_ हजरत हातिम ज़ाहिद का क़ौल है कि जो आदमी तीन चीज़ों का तीन चीज़ों के बगैर दावा करता है वह शख्स झूठा है :-*

*१_ वह शख्स जो अपने परवरदिगार की मोहब्बत का दावेदार है लेकिन उसके हराम से परहेज़ नहीं करता,*

*२_ जो आदमी जन्नत की मोहब्बत का दावेदार हो लेकिन इता'ते खुदावंदी में दौलत खर्च नहीं करता,*

*३_ वह शख्स जो कि आन हजरत सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम की मोहब्बत का दावेदार हो लेकिन फ़कीर लोगों से मोहब्बत नहीं करता और उनकी सोहबत अख्तियार नहीं करता _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. ७५,*
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*✷क़िस्त -50✷*
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*✺ 4 ज़हर ए क़ातिल चीज़ों का तिरयाक़ ✺*

*★_ बुजुर्ग फरमाते हैं कि चार चीज़ें ज़हरे का़तिल है और 4 उनका तिरयाक़ है :-*

*१_ दुनिया ज़हर ए क़ातिल है और ज़ुहद ( दुनिया से बेरगबती ) उसका तिरयाक़ है,*

*२_ माल ज़हरे का़तिल है, ज़कात उसका तिरयाक़ है ,*

*३_ कलाम (हर वक्त बोलना) ज़हर ए क़ातिल है और जिक़रुल्लाह उसका तिरयाक़ है,*

*४_ दुनिया की बादशाहत ज़हरे का़तिल है और अद्ल व इंसाफ उसका तिरयाक़ है _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 76,*
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*✷क़िस्त -51✷*
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*✺ चार हलाक करने वाली चीज़ें ✺*

*★_ चार चीज़ें हलाक करने वाली है :-*

*१_ .... मैं ....,*
*२_ .....हम ....,*
*३_..... मेरे लिए ...,*
*४_ .... मेरे वास्ते ...,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं.78 ,*
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*✷क़िस्त -52✷*
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*✺ 8 क़िस्म के लोगों की सोहबत का अंजाम ✺*

*★_ हजरत अल्लामा फकीही समरकंदी रहमतुल्लाह फरमाते हैं कि जो शख्स 8 किस्म के लोगों के पास बैठता है तो मिन्जानिब अल्लाह उसमें 8 आदतें पैदा हो जाती हैं :-*

*१_ जो कोई नाबालिग बच्चों के पास बैठता है तो उसमें गफलत और मज़ाक, दिल्लगी की आदत पैदा हो जाती है,*
*२_ जो शख्स गरीब गुरबा के पास बैठता है तो ऐसे शख्स में मिन्जानिब अल्लाह शुक्रे खुदावंदी में इज़ाफ़ा हो जाता है,*

*३_जो शख्स बादशाहे वक्त के पास बैठता है तो उसमें गुरूर और शक़ावत पैदा हो जाती है,*
*४_ जो कोई खवातीन के पास बैठता है तो उसमें जहालत शेहवते नफ्सानी और खवातीन की अक्ल व फहम की जानिब रूजान होता है,*

*५_ जो कोई मालदार के पास बैठता है तो उसमें दुनियावी मोहब्बत और लालच का इज़ाफा हो जाता है ,*
*६_ जो शख्स फासिक व फाजिर लोगों की सोहबत में बैठता है तो उसमें गुनाहों पर जुर्रत और तौबा करने में सुस्ती पैदा हो जाती है,*

*७_ जो शख्स नेक लोगों की मजलिस में बैठता है तो खुदावंद ताला उसमें इता'ते खुदावंदी में रगबत और हराम चीजों से परहेज़ में इज़ाफ़ा फरमा देते हैं ,*
*८_ जो शख्स उलमा किराम की सोहबत में बैठता है तो खुदावंद ताला उसके इल्म और तक़वे में इज़ाफ़ा फरमा देते हैं_,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. ७८,*
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*✷क़िस्त -53✷*
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*✺ 9 सवालात ✺*

*★_ हाफिज इब्ने असाकर अपनी तारीख में हमाद बिन मोहम्मद रज़ियल्लाहु अन्हु के हवाले से यह रिवायत नक़ल करते हैं कि हमाद बिन मोहम्मद रज़ियल्लाहु अन्हु कहते हैं कि एक आदमी ने हज़रत इब्ने अब्बास रजियल्लाहु अन्हु से खत लिखकर इन चीजों के मुताबिक सवाल किया :-*

*१_ वह कौन सी चीज़ है जिसमें ना गोश्त है ना खून लेकिन इसके बावजूद वह कलाम करती है ?*
*२_ वह कौन सी चीज़ है जिसमें ना गोस्त है ना खून लेकिन इसके बावजूद वह दौड़ती है,?*
*३_वह कौन सी चीज़ है जिसमें ना गोश्त है ना खून लेकिन इसके बावजूद वह सांस लेती हैं ?*

*४_वह कौन सा जानदार है जो मर गया फिर उसकी वजह से दूसरा जानदार (जो मर चुका था) जिंदा हो गया ?*
*५_वह कौन सा फरिश्ता है जिसे अल्लाह ताला ने मब'ऊस फरमाया मगर ना तो वह जिन है ना फरिश्ता ?*
*६_वह कौन सी दो चीज़ें हैं जिनमें ना गोश्त है ना खून लेकिन इसके बावजूद जब उनसे खिताब किया गया तो उन दोनों ने जवाब दिया ?*

*७_ हजरत मूसा अलैहिस्सलाम की वालिदा ने हजरत मूसा अलैहिस्सलाम को दरिया में डालने से पहले कितनी मुद्दत तक दूध पिलाया था और वह कौन सा दरिया है जिसमें हजरत मूसा अलैहिस्सलाम को डाला गया और वह कौन सा दिन है जिसमें हजरत मूसा अलैहिस्सलाम को दरिया में डाला गया ?*
*८_ हजरत आदम अलैहिस्सलाम के क़द की लंबाई कितनी थी ? आप कितने साल जिंदा रहे और आपका वसी कौन था ?*
*९_वह कौन सा परिंदा है जो अंडे नहीं देता और उसे हैज आता है ?*

*➡️ जवाबात अगले पार्ट में इरसाल होंगे इंशा अल्लाह, तब तक आप हजरात जवाब देने की कोशिश करें _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. ८०,*
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*✷क़िस्त -54✷*
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*✺ सवालों के जवाब ✺*

*★_ अब्दुल्लाह बिन अब्बास रजियल्लाहु अन्हु ने इन सवालों के जवाब यूं दिए :-*

*१_ पहली चीज़ आग है (यानी जहन्नम) जो अल्लाह ताला से कहेगी - हल मिम मजीद (क्या कुछ और भी है) ?*
*२_ दूसरी चीज हजरत मूसा अलैहिस्सलाम का असा है ,*
*३_ तीसरी चीज़ सुबह है ,*
 
*४_चौथे सवाल का जवाब यह है कि वह बनी इसराइल की गाय हैं जिसका तज़्किरा अल्लाह ताला ने कुरान ए करीम ने किया है,*
*५_ पांचवें सवाल का जवाब यह है कि अल्लाह ताला की तरफ से मब'ऊस किया जाने वाला फरिश्ता कौवा है जिसको अल्लाह ताला ने हजरत आदम अलैहिस्सलाम के बेटे क़ाबील की तरफ भेजा था ,*
*६_ छठी चीज़ आसमान व ज़मीन है जो अल्लाह ताला से कहेंगे हम खुशी से हाज़िर होते हैं ,*

*७_ हजरत मूसा अलैहिस्सलाम को उनकी वालिदा ने दरिया में डालने से पहले 3 माह दूध पिलाया था और जिस दरिया में हजरत मूसा अलैहिस्सलाम को डाला गया था उसका नाम बहरे क़लज़ुम है और जिस दिन उनको दरिया में डाला गया वह जुमे का दिन था,*
*८_हजरत आदम अलैहिस्सलाम के क़द की लंबाई 60 ज़िरा थी और आपकी उम्र 940 वर्ष थी और आपके वसी हजरत सुऐब अलैहिस्सलाम थे,*
*९_वह परिंदा अल वतूत यानी चमगादड़ है यह वह परिंदा है जिसको हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम ने अल्लाह ताला के हुक्म से अपने हाथों से बनाया था और फिर उसमें रूह फूंकी थी ,* 

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 80,*
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*✷क़िस्त -55✷*
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*✺ तौबा को खा जाने वाली चार चीज़ें ✺*

*★_ बाज़ दानिश्वरों का कौ़ल है की चार चीजों से आदमी की तौबा साक़ित हो जाती है लिहाज़ा उनसे अहतयात करें :-*

*१_ वह अपनी जुबान को फिजूल और लग्व बातों से रोके _,*

*२_ वह अपने दिल में किसी के लिए हसद और बूग्ज़ ना रखें _,"*

*३_ बुरे लोगों की सोहबत से इज्तनाब करे _,*

*४_ मौत की तैयारी करे, पहले गुनाहों पर नदामत व तौबा करे और अपने परवरदिगार की इता'अत में कोशिश करें _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं.८४ ,**
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*✷क़िस्त -56✷*
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*✺ सोने से पहले चार बातों पर गौर ✺*

*★_ एक बुजुर्गों फरमाते हैं कि चार बातों पर गौर किए बगैर किसी को सोना मुनासिब नहीं :-*

*१_ यह गौर करें कि किसी का मुझ पर हक़ तो नहीं है, अगर हो तो उसे अदा करें या माफ कराएं _,*

*२_ ध्यान करें कि अल्लाह का कोई फर्ज़ (नमाज़ वगैरह) मेरे ज़िम्मे बाक़ी तो नहीं, अगर हो तो फौरन अदा करें _,*

*३_ सोने से पहले तमाम गुनाहों से तौबा कर लें _,*

*४_ वसीयत लिखकर रख लें ( क्या मालूम यह आखरी नींद हो और इसके बाद जागना नसीब ना हो )_,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं.85 ,*
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*✷क़िस्त -57✷*
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*✺ जागने के बाद 3 बातों पर गौर ✺*

*★_ किसी बुजुर्गो ने फरमाया:- सुबह को 3 खयालात के साथ आदमी उठता है :-*

*१_ कोई माल की तलब लेकर उठता है,*
*२_ कोई गुनाह की ख्वाहिश के साथ उठता है,*
*३_ कोई सही रास्ते की तलाश में जुस्तजू लेकर उठता है,*

*➡️ जो माल की तलब लेकर उठता है उसे यकी़न कर लेना चाहिए कि मुकद्दर से ज़्यादा रोज़ी नहीं मिल सकती चाहे कितनी भी कोशिश कर ले, गुनाह की ख्वाहिश में उठने वाला कभी ज़िल्लत व रुसवाई से नहीं बच सकता _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 86,*
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*✷क़िस्त -58✷*
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*✺ बीवी के 5 हुकूक ✺*

*★_ हजरत उमर फारूक रज़ियल्लाहु अन्हु का फरमाना है कि मेरे ज़िम्में बीवी के कुछ हुकूक बाक़ी हैं जिसकी वजह से मैं अहलिया को माफ कर रहा हूं :-*

*१_ पहली बात यह है कि वह मेरे और जहन्नम के दरमियान एक आड़ है जिसकी वजह से मेरा दिल हराम से महफूज़ रहता है,*

*२_ दूसरा यह कि मैं जिस वक्त सफर में चला जाता हूं तो मेरी अहलिया मेरे घर के सामान की हिफाज़त और निगरानी करती है,*

*३_ तीसरा यह कि वह मेरी हर तरह से खिदमत गुज़ार है, कपड़े धोती हैं और दीगर घर के काम अंजाम देती हैं,*

*४_ चौथी बात यह है की औलाद की तरबियत और परवरिश करती है, उनको अदब सिखाती है,*

*५_ पांचवी बात यह है कि वह मेरा खाना पकाती है ,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं.87 ,*
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*✷क़िस्त -59✷*
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*✺ हुजूर ﷺ की पांच नसीहतें ✺*

*★_ हजरत अबू हुरैरा रज़ियल्लाहू अन्हू से रिवायत है कि रसूलुल्लाह ﷺ ने फरमाया कि कोई ऐसा शख्स है जो इन बातों पर खुद अमल करें या कम अज़ कम उन लोगों को ही बता दे जो इन पर अमल करें, मैंने अर्ज़ किया या रसूलल्लाह ! मैं हाजिर हूं , आप ﷺ ने मेरा हाथ पकड़ा और यह बातें इरशाद फरमाईं :-*

*१_ हराम बातों से दूर रहना बड़े इबादत गुज़ार बंदों में शुमार होगा,*
*२_ अल्लाह ताला ने जो तुम्हारी तकदीर में लिख दिया है उस पर राज़ी रहना बड़े बे नियाज़ बंदों में शुमार होंगे,*
*३_अपने पड़ोसी से अच्छा सुलूक करना मोमिन बन जाओगे,*
*४_जो बात अपने लिए चाहते हो वही दूसरों के लिए पसंद करना कामिल मुसलमान बन जाओगे,*
*५_बहुत क़हक़हे ना लगाना क्योंकि ज्यादा हंसना दिल को मुर्दा बना देता है,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 87 बा हवाला मुसनद अहमद, तिरमिज़ी,*
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*✷क़िस्त -60✷*
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*✺700 उलमा किराम का 5 सवालों पर एक जवाब ✺*

*★_ हजरत शफीक़ बलखी रहमतुल्लाह ने फरमाया कि मैंने 700 उलमा किराम से पांच बातें दरयाफ्त की जो दर्जे जे़ल हैं और सब ने एक जैसा जवाब इरशाद फरमाया :-*

*१_ अकलमंद कौन है,? जवाब - अकलमंद वह है जो दुनिया को महबूब ना रखें ,*
*२_अमीर कौन है ? जवाब - अमीर वह है जो खुदा की तक़दीर पर राजी रहे,*
*३_ज़ीरक ( अक़लमंद , दाना ) कौन है? जवाब - ज़ीरक वह है जो दुनिया को अपने आप पर फरेफ्ता ( आशिक ) ना करें,*
*४_ बखील कौन है ? जवाब- बखील वह शख्स है जो ज़कात ना दे,*
*५_ दरवेश कौन है ? जवाब - दरवेश वह है जिसके दिल में दुनिया की ज़्यादती की ख्वाइश ना हो ,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं.90 ,*
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*✷क़िस्त -61✷*
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*✺ तीन चीजें ✺*

*१_ तीन चीजों पर काबू रखो - गुस्सा ,जुबान, नफ्स _,*

*२_तीन चीजों का हमेशा ख्याल रखो - ईमान, सच्चाई , नेकी _,*

*३_ तीन चीजों को हमेशा याद रखो - नसीहत , एहसान , मौत _,*

*४_ तीन चीज़ों के लिए लड़ो - इस्लाम, मुल्क़ , हक़ _,*

*५_ तीन चीज़ों का अहतराम करो - उस्ताद , वालदेन, क़ानून _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 90,*
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*✷क़िस्त -62✷*
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*✺ वली अल्लाह बनने की 7 आदतें ✺*

*★_ एक रोज़ खलीफा हारून रशीद ने लोगों से कहा कि अगर नेक बंदे बनना चाहते हो तो बच्चों जैसी आदतें बना लो, लोगों ने पूछा वह कैसे ? खलीफा ने कहा कि बच्चों में सात आदतें होती हैं अगर यह आदतें बड़ों में हों तो वह वली अल्लाह बन जाएं, वह आदतें यह है :-*

*१_ रिज़्क़ का गम नहीं करते ,*
*२_ मिलकर खाते हैं ,*
*३_ लड़ाई के बाद जल्द सुलह कर लेते हैं ,*
*४_ अपने बड़ों से डरते हैं ,*
*५_ लड़ते हैं तो दिल में कीना नहीं रखते ,*
*६_ ज़रा सी धमकी से रोने लगते हैं ,*
*७_ दुश्मनी हमेशा नहीं रखते ,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 91,**
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*✷क़िस्त -63✷*
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*✺ चार चीजें बुरी है लेकिन चार बदतरीन है ✺*

*१_ नौजवान का गुनाह करना बुरा है लेकिन बूढ़े का गुनाह करना बदतरीन है ,*
*२_जाहिल का दुनिया में मशगूल होना बुरा है लेकिन आलिम का दुनिया में मशगूल होना बदतरीन है,*
*३_अल्लाह ताला की इता'अत में सुस्ती करना हर एक के लिए बुरा है लेकिन उलमा और तलबा के लिए बहुत बुरा है,*
*४_ मालदार लोग तक़ब्बुर करें तो बुरा है लेकिन उलमा और फुक़रा तक़ब्बुर करें तो बहुत बुरा है _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 93,*
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*✷क़िस्त -64✷*
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*✺ 3 क़िस्म की आंखों पर दोजख की आग हराम है ✺*

*१_ वह आंख जो अल्लाह की रजामंदी के लिए रातों को बेदार रहे,*

*२_ वह आंख जो हराम चीजों पर नज़र डालने से बंद रहे ,*

*३_वह आंख जो अपने गुनाहों पर खौफे खुदा से रोती है ,*

*★__हदीस पाक में है कि जो शख्स अपने परवरदिगार के शौक में रोएगा उसका मुका़म जन्नत है, जो शख्स अपने गुनाहों को याद करके खौफे खुदा से आंसू बहाएगा अल्लाह ताला उस पर दोज़ख की आग हराम कर देगा _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 99,*
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*✷क़िस्त -65✷*
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*✺ खामोशी में 8 खूबियां हैं ✺*

*★_ बाज़ हिकमा का कौ़ल है कि खामोशी में 8 खूबियां है जिनमें से हर एक खूबी हजार नेकियों के बराबर है :-*

*१_ खामोशी ऐसी इबादत है जिसमें जिस्म को कोई तकलीफ नहीं,*
*२_खामोशी एक आराइश है जिसमें कोई तकलीफ नहीं,* *३_खामोशी इंसान के तमाम ऐबों का पर्दा है,*
*४_ खामोशी एक कि़ला है जिसमें किसी निगेहबान की ज़रूरत नहीं,*
*५_ खामोशी की वजह से किरामन कातिबीन आराम में रहते हैं,*
*६_ खामोशी एक किस्म की हैबत ( रौब ) है जो बगैर दलील और हुज्जत के जाहिर होती है,*
*७_ खामोशी जाहिल के लिए राज़दार और आलिम के लिए ज़ीनत है,*
*८_ खामोशी एक ऐसी बेनियाज़ी है जिसमें किसी से उज्र करने की ज़रूरत नहीं ,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं.97 ,*
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*✷क़िस्त -66✷*
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*✺ 12 अनमोल नसीहतें ✺*

*★_ अबू जाफर अब्दुल्लाह बिन मसूद रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत करते हैं :-*

*१_ सबसे ज्यादा सच्चा कलाम अल्लाह ताला का कलाम है ,*
*२_सब बातों में अशरफ व आला जिक्र अल्लाह का ज़िक्र है ,*
*३_बहुत बड़ा अंधापन दिल का अंधा होना है,*
*४_थोड़ा सा रिज़्क जो कि जरूरियात के लिए काफी है उस ज्यादा दौलत से बहुत बेहतर है जो इंसान को गाफिल और बेखबर बना दे,*
*५_ बहुत बड़ी नदामत यह है कि कयामत के दिन इंसान के पास हसरत के सिवा और कुछ ना हो,*
*६_आला दर्जे का गनी वह है जो दिल का गनी है,*

*७_दुनिया से साथ ले जाने के लिए सबसे बढ़कर तोशा तक़वा और परहेजगारी है ,*
*८_ तमाम गुनाहों का मजमुआ शराब में है ,*
*९_ औरतें शैतान का जाल है,*
*१०_ जवानी जुनून की एक शाख है ,*
*११_निहायत बदतर कमाई सूद की कमाई है,*
*१२_ बहुत बड़ा गुनाह झूठ बोलना है ,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं.96 ,*
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*✷क़िस्त -67✷*
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*✺ 6 बातों पर जन्नत का टिकट ✺*

*★_ हजरत इब्ने सामित रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत है की हुजूर सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम ने फरमाया -लोगों ! तुम अपनी जा़त के लिए मेरे सामने 6 बातों की जिम्मेदारी ले लो तो मैं तुम्हारे लिए जन्नत का जिम्मा लेता हूं ,*

*१_ जब वादा करो तो पूरा करो,*
*२_ जब बात करो तो सच बोलो,*
*३_ अपनी शर्मगाहों को हराम से महफूज रखो ,*
*४_अपनी निगाहों को बुरी नजर से बंद रखो ,*
*५_अपने हाथ-पांव को काबू में रखो ,*
*६_ अगर तुम्हारे पास कोई अमानत रखें तो ईमानदारी से लौटाओ ,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं.96 तज़किरतुल वाईजी़न-३०१ ,*
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*✷क़िस्त -68✷*
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*✺ 4 आमाल मुश्किल तरीन मगर अज्र बे इंतेहा ✺*

*1_ गुस्से के वक्त माफ करना_,*
*2_ तंगदस्ती में सखावत करना _,*
*3_ खिलवत में पाक दामनी अख्तियार करना _,*
*4_ ऐसे शख्स के सामने कलमा हक़ कहना जिससे खौफ हो या उम्मीद _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 95,*
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*✷क़िस्त -69✷*
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*✺ 5 आदमियों से दूर भागो ✺*

*★_ हजरत इमाम जाफर सादिक रहमतुल्लाह फरमाते हैं :- 5 आदमियों से दूर भागो _,*

*१_ झूठे से कि ना जाने कब धोखा दे जाए,*
*२_ अहमक से कि तुम्हारे फायदे को नुकसान से बदल सकता है,*
*३_ बखीऋ से कि एन वक्त पर दगा देता है,*
*४_ बुज़दिल से बचो कि बुज़दिल भला किसी का क्या साथ देगा ?*
*५_फासिक़ से कि दोस्त को एक लुक़मा की एवज़ में बेच डालता है _,*

*📘 अनमोल जवाहिरात -90,*
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*✷क़िस्त -70✷*
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*✺ 4 चीजों की क़दर व क़ीमत ✺*

*★_ चार चीज़ों के क़दर चार क़िस्म के लोग पहचान सकते हैं :-*

*१_ जवानी की क़दर बूढ़े जानते हैं , जिन्हें अब जवानी मिलने की उम्मीद नहीं ,*

*२_ आफियत की क़दर उनको मालूम है जो मुसीबत में गिरफ्तार हैं,*

*३_ तंदुरुस्ती के क़दर बीमारों को होती है ,*

*४_ जिंदगी की क़दर का हाल मुर्दों से दरियाफ्त करो ,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 104,*
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*✷क़िस्त -71✷*
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*✺ जहन्नम से दूर ले जाने वाली 6 आदतें ✺*

*1- अल्लाह को पहचान कर उसकी इबादत की,*
*2- शैतान को पहचान कर उसकी मुखालफत की,*
*3- हक़ को पहचान कर उसके पीछे चला,*
*4- बातिल को पहचान कर उस से बचता रहा,*
*5- दुनिया को पहचान कर उसे तर्क कर दिया ,*
*6-आखिरत को पहचान कर उसका तलबगार रहा,*

*★_हजरत हसन रज़ियल्लाहु अन्हु का क़ौल है कि अल्लाह ताला ने उन लोगों का रहम फरमाया जिनके पास दुनिया अमानत के तौर पर आई और उन्होंने उसे खयानत के बगैर लौटा दिया और अल्लाह की बारगाह में बहुत तेज़ी से रवाना हो गए _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 103 ,मुकाशफतु क़ुलूब-२२९*
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*✷क़िस्त -72✷*
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*✺ रोज़ी में खैरो बरकत वाली 5 बातें ✺*

*★_ जो शख्स पांच चीज़ों का हमेशा पाबंद रहेगा तो उस शख्स के नेक आमाल में पहाड़ों की मानिंद इजा़फा किया जाएगा और खुदावंद क़ुद्दूस उसकी रोज़ी में बरकत और वुस'अत पैदा करते हैं :-*

*१_ पहला वह शख्स जो सदका़ अदा करने की पाबंदी करता है, चाहे कम सदका़ हो या ज़्यादा _,*

*२_ दूसरे वह शख्स जो लोगों के साथ हुस्ने सुलूक और सिलह रहमी करता हो _,*

*३_ तीसरे वो शख्स जो राहे खुदा में चलने की पाबंदी करता हो _,*

*४_चौथा वो शख्स जो हमेशा बा वज़ु रहता है और पानी के इस्तेमाल में फिजूल खर्च नहीं करता_,*

*५_ पांचवा वो शख्स जो मां बाप की फरमाबरदारी करता है _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 103,*
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*✷क़िस्त -73✷*
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*✺ क़यामत के दिन अर्शे इलाही के नीचे रहने वाले 3 खुशनसीब ✺*

*★_ हजरत अनस बिन मालिक रज़ियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि तीन( खुशनसीब ) सख्श क़यामत के दिन अर्शे इलाही के नीचे साया में होंगे :-*

*१_ सबसे पहले सिलह रहमी करने वाला शख्स कि उसकी जिंदगी में खैरो बरकत होती है और उसकी रोज़ी में इज़ाफ़ा होता है और उसकी कब्र में वुस'अत पैदा कर दी जाती है ,*

*२_ दूसरे वह खातून कि जिसका शौहर यतीम बच्चों को छोड़कर फौत हो गया हो और यह खातून उनकी देखभाल और निगरानी करती हो यहां तक कि खुदावंद क़ुद्दूस ने उन यतीमों की परवरिश कर दी हो ,*

*३_तीसरे वह शख्स कि जिस ने खाना बनाया और उसने गरीब गुरबा और मसाकीन की दावत की _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 102,बा हवाला - तंबीहुल गाफिलीन-२२४*
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*✷क़िस्त -74✷*
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*✺ क़यामत के दिन निजात और रिहाई की 9 सूरतें ✺*

*1- अपनी ज़ुबान को मेहफूज रखो ,*
*2- दुनिया के आमाल को आखिरत के अमल में दाखिल ना करो ,*
*3- उनको अपने आप पर फज़ीलत और बरतरी ना दो ,*

*4- अपनी मजलिस में मगरूर और मुतकब्बिर हो कर ना बैठो ताकि लोग तुम्हारी बदखल्क़ी की वजह से तुमसे दूर हों ,*
*5-अपने उन भाइयों की गीबत ना करो जो मुसलमान हों और क़ुरान पढ़ने वाले हों ,*
*6- अपने मुसलमान भाइयों को गुनहगार समझ कर अपनी पाकदामनी का सबूत ना दो ,*

*7- एक शख्स के सामने दूसरे शख्स से सरगोशी ना करो ,*
*8- अपने आपको लोगों से बड़ा ना जानो ,*
*9- दो आदमियों में फूट ना डालो ,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 101,*
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*✷क़िस्त -75✷*
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  *✺ ईमान को बनाने वाले तीन काम ✺*

*★_हजरत अम्मार बिन यासिर फरमाते हैं कि जिस किसी ने अपने अंदर तीन बातें पैदा की उसने अपने अंदर मुकम्मल ईमान बनाया, वह तीन बातें यह है :-*

*१_ नादारी और तंगी के बावजूद राहे खुदा में खर्च करना,*
*२_अपनी जा़त और अपने नफ्स के साथ इंसाफ से काम लेना ,*
*३_ मखलूक़े खुदा मे सलाम को आम करना और सलाम को रिवाज़ देना _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 104,*
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*✷क़िस्त -76✷*
✯—————————————✯                     
*✺ तीन पसंदीदा बातें ✺*

*★_ हजरत उमर बिन अब्दुल अजीज रहमतुल्लाह फरमाते हैं कि खुदावंद ताला को तीन बातें सबसे ज्यादा पसंद है :-*

*१_ ताक़त के बावजूद दूसरों को माफ कर देना,*

*२_ गुस्से में भी एतदाल पर क़ायम रहना,*

*३_ मखलूक़ के साथ रहम दिली का मामला करना और जो शख्स खुदा बंद ताला की मखलूक़ पर शफक़त व मेहरबानी करता है खुदावंद ताला उसके साथ शफक़त का मामला फरमाते हैं _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. १०४,तंबीहुल गाफिलीन*
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*✷क़िस्त -77✷*
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*✺ हजरत आदम अलैहिस्सलाम की अपने बेटे को 5 नसीहतें ✺*

*★_ हजरत आदम अलैहिस्सलाम ने अपने बेटे शीस अलैहिस्सलाम को पांच बातों की वसीयत की और फरमाया कि अपनी औलाद को भी यही वसीयत करना :-*

*१_ आरजी़ दुनिया पर मुत्मइन ना होना मैं जादवानी जन्नत में मुत्मइन था अल्लाह ताला ने मुझे वहां से निकाल दिया,*

*२_औरतों की ख्वाहिशात पर काम ना करना मैंने अपनी बीवी की ख्वाहिश पर शजर ममनुआ खा लिया और शर्मिंदगी उठाई,*

*३_ हर एक काम करने से पहले उसका अंजाम सोच लो, अगर मैं अंजाम सोच लेता तो जन्नत से ना निकाला जाता,*

*४_ जिस काम में तुम्हारा दिल मुत्मइन ना हो उस काम को ना करो क्योंकि जब मैंने शजर ममनुआ खाया तो मेरा दिल मुत्मइन नहीं था मगर मैं उसके खाने से बाज़ ना रहा,*

*५_काम करने से पहले मशवरा कर लिया करो क्योंकि अगर मैं फरिश्तों से मशवरा कर लेता तो मुझे यह तकलीफ ना उठानी पड़ती _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 105, मुकाश्फतुल क़ुलूब-९१,*
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*✷क़िस्त -78✷*
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*✺ पांच बातों में दिल का इलाज है ✺*

*★_ फरमाते हैं कि पांच चीजें क़ल्ब ( दिल ) की दवा है :-*

*१_ तिलावते कुरान ए पाक ,*
*२_ पेट को मार्ले हराम से खाली रखना ,*
*३_ रात में खुदावंद ताला की इबादत करना ,*
*४_सुबह के वक्त खौफे खुदावंदी से रोना, दुआए मांगना,*
*५_ नेक लोगों की मजलिस अख्तियार करना और बुरी सोहबत से बचना,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 105 ,*
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*✷क़िस्त -79✷*
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*✺ तीन खूबियों पर हमेशा जमे रहो ✺*

*★_ हजरत मोहम्मद बिन का'ब क़ुर्ज़ी रहमतुल्लाह फरमाते हैं कि तीन खसलतें इस क़िस्म की हैं कि जिन में से कोई एक भी किसी हालत में नहीं छोड़नी चाहिए :-*

*१_ किसी पर कभी हरगिज़ हरगिज़ ज्यादती ना करना, इसलिए कि इरशादे बारी ता'ला है, ".. यह तुम्हारी सरकशी तुम्हारे वास्ते वबाल होने वाली है_,"*

*२_ किसी शख्स के खिलाफ साजिश ना करो, इरशादे बारी ता'ला है , "_और बुरी तदबीरों का बवाल उन तदबीर करने वालों पर ही पड़ता है _,"*

*३_ कभी भी अहद की खिलाफ वर्जी ना करो और ना कभी मुआहिदा तोड़ो , इसलिए कि इरशादे बारी ता'ला है, "_ फिर जो शख्स अहद तोड़ेगा तो उसके अहद तोड़ने का बवाल उसी पर पड़ेगा _,"*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. १०६,*
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*✷क़िस्त -80✷*
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  *✺ दुनिया सिर्फ तीन दिन है ✺*

*★_ हजरत ईसा अलैहिस्सलाम का कौ़ल है, दुनिया तीन दिन है :-*

*१_ एक गुजिश्ता दिन जिसमें से कोई चीज तेरे हाथ में नहीं है,*

*२_ एक आइंदा दिन जिसके बारे में तू नहीं जानता कि तू उसको पा लेगा या नहीं,*

*३_ एक आज का दिन जिसमें तुम मौजूद हो उसको गनीमत जानो _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. ११०,*
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*✷क़िस्त -81✷*
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*✺ पांच सिफात पर पांच नियामतों का नुज़ूल ✺*

*★_ अल्लाह ताला जिसको पांच सिफात अता करता है तो उसको साथ ही पांच नियामतें भी अता करता है :-*

*१_ जिसको अल्लाह ताला शुक्र करने की तौफीक देते हैं उसकी नियामतों में इज़ाफ़ा फरमा देते हैं,*

*२_ जिसको दुआ मांगने की तौफीक नसीब फरमाते हैं उसके लिए कुबूलियत भी मुकद्दर फरमाते हैं ,*

*३_जिसको इस्तगफार की तौफीक बख्शते हैं तो उसके लिए माफी लाज़िम कर देते हैं,*

*४_ जिसको तौबा की तौफीक़ इनायत फरमाते हैं उसको शरफे क़ुबूलियत भी देते हैं ,*

*५_ जिसको सदका़ की तौफीक देते हैं उसके लिए कबूलियत का सामान कर देते हैं ,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 111,*                     
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*✷क़िस्त -82✷*
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 *✺ मुसीबत के वक्त चार नियामतें ✺*

*★_ हजरत उमर रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि अल्लाह की क़सम जब भी मैं किसी मुसीबत में मुब्तिला होता था तो अल्लाह ता'ला की मुझ पर चार नियामतें उतरती थी :-*

*१_वह मुझको गुनाह से बाज़ रखती थी,*
*२_ उसकी वजह से मैं सवाब की उम्मीद रखता था,*
*३_वह मुझको अल्लाह ताला की रज़ा से महरूम नहीं रखती थी,*
*४_ उसकी वजह से मुझको सबसे बड़ी मुसीबत मालूम हो जाती _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं.112 ,*                   
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*✷क़िस्त -83✷*
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*✺ दो मुबारक क़दम ✺*

*★_ हजरत हसन बसरी रहमतुल्लाह से नक़ल है कि हुजूर सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम ने इरशाद फरमाया कि खुदावंद क़ुद्दूस को बंदे के दो क़दम से ज़्यादा कोई क़दम पसंद नहीं :-*

*१_ एक तो वह क़दम जो कि नमाज़ के फर्ज के अदा करने के वास्ते चलता है,*

*२_दूसरा क़दम वह जो कि किसी अज़ीज़ो अक़ारिब से मुलाकात के लिए इंसान उठाता है,* 

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं.113 तंबीहुल गाफिलीन 224 ,*                
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*✷क़िस्त -84✷*
✯—————————————✯            
*✺ अब्दालों की 7 हिकमत भरी बातें ✺*

*1- जो शख्स बातूनी हो उसका दिल बेदार (होशियार, अकलमंद) नहीं हो सकता_,*
*२_ जो पेटू हो वह साहिबे हिकमत नहीं हो सकता_,*
*३_ जाहिल का दिल जिंदा नहीं होता _,*
*४_दुनिया से मोहब्बत रखने वाला हुस्ने खातमा वाला नहीं हो सकता_,*
*५_ लोगों को कसरत से मिलने वाला इबादत की हलावत से महरूम होता है_,*
*६_ लोगों की रज़ा का तालिब अल्लाह ताला की रज़ा के हुसूल से महरूम होता है _,*
*७_जा़लिम से सोहबत रखने वाला दीन पर सीधा चलने वाला नहीं हो सकता_,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 115,*                
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*✷क़िस्त -85✷*
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 *✺ भलाई में शुमार होने वाली 6 आदतें ✺*

*1-अल्लाह ताला के रास्ते में जद्दोजहद करना ,*
*2-जिस रोज़ बादल छाए हुए हो या फरमाया कि गर्मी वाले रोज़ नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद में जल्दी जाना ,*
*3- हक़ पर होने के बावजूद किसी से झगड़ा ना करना,*
*4- गर्मियों में रोजा रखना,*
*5- मुसीबत पर सबरे जमील से काम लेना ,*
*6- मौसमें सरमा ( सर्दियों ) में बेहतर तरीके से यानी सुनन व मुस्तहाबाते वजू की रियायत करके वजू करना ,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. ११६,*               
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*✷क़िस्त -86✷*
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*✺ हजरत लुकमान रह. की ९ नसीहतें ✺*

*★_ हजरत लुकमान रहमतुल्लाह ने अपने बेटे से फरमाया कि नों चीजों पर पाबंदी से अमल करो:-*
*१_अपने मुर्दा दिल को यादें खुदा से जिंदा रखो ,*
*२_मिस्कीनों के पास उठा बैठा करो ,*
*३_खानदाने नबूवत का एहतराम करो ,*
*४_बेसहारा लोगों का सहारा बनो_,* 
*५_गुलामों को खरीद कर आजाद करो _,*
*६_अजनबी लोगों को ठिकाना दो _,*
*७_गरीबों की मदद करो ताकि वह किसी से मांगने के मोहताज ना रहे_,*
*८_ अहले शराफत की ताज़ीम करो_,*
 *९_मालदारो और बादशाहो की मजलिसों से दूर रहो _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. ११६,*            
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*✷क़िस्त -87✷*
✯—————————————✯            
*✺ नेक बख्ती की 5 अलामतें ✺*

*★_ हजरत फुज़ैल बिना अयाज़ रहमतुल्लाह फरमाते हैं कि नेकी की 5 निशानियां है :-*

*१_क़ल्ब (दिल) में यक़ीन,*
*२_ दीन में परहेजगारी ,*
*३_दुनिया से बेतवज्जोही,*
*४_ निगाहों में शर्म व हया,*
*५_ जिस्म में इंकसारी आजिज़ी,* 

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 122,*
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*✷क़िस्त -88✷*
✯—————————————✯            
*✺ बद नसीबी की 5 निशानियां ✺*

*★_ हजरत फुज़ैल बिना अयाज़ रहमतुल्लाह फरमाते हैं कि बद नसीबी की 5 निशानियां है :-*

*१_दिल सख्त होना,*
*२_ शर्मो हया की कमी ,*
*३_दुनिया से बेतवज्जोही ना होना*
*४_ निगाहों में जमूद होना कि कभी खुदा के खौफ से रोना ना आता हो ,*
*५_ दुनियां से बहुत ज़्यादा तवक़्क़ो वाबस्ता रखना ,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 122,*
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*✷क़िस्त -89✷*
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*✺ 4 चीजें दिल को तारीक करती है ✺*

*★_ हजरत अब्दुल्लाह बिन मसूद रजियल्लाहु अन्हु ने फरमाया- चार चीजें दिल को तारीक कर देती हैं :-*

*१_ हराम हलाल की परवाह किए बगैर पेट भरना,*
*२_ ज़ालिम लोगों की सोहबत अख्त्यार करना,*
*३_ गुज़िश्ता गुनाहों को भूल जाना ,*
*४_ लंबी उम्मीदें बांधना _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं.१२५ ,*
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*✷क़िस्त -90✷*
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*✺ इंसान के 4 दुश्मन कौन ? ✺*

*★_ हजरत फक़ीह समरकंदी रहमतुल्लाह फरमाते हैं कि तुम लोग अच्छी तरह से यह बात जान लो कि तुम्हारे चार दुश्मन हैं और तुझको उन तमाम के साथ जिहाद करने की जरूरत है :-*

*१_ दुनिया - उनमें से एक दुश्मन दुनिया है जो कि बहुत ही धोखेबाज और मक्कार है,*

*२_ नफ्स - और तुम्हारा दूसरा दुश्मन अपना नफ्स है जो कि एक बदतरीन दुश्मन है,*

*३_शैतान- तुम्हारा तीसरा दुश्मन शैतान है इससे बहुत ज्यादा बचो कि वह शैतान जिन से भी ज्यादा खतरनाक है इसलिए कि शैतान जिन के वसवसे से ही तकलीफ पहुंचाता है,*

*४_ हासिद - हासिद वह बुरा साथी है जो कभी दोस्त की शक्ल में होता है तभी दुश्मन की शक्ल में, वह हमेशा तुम्हारे वास्ते इस किस्म के हीलों की तलाश में रहता है जिसके जरिए तुझे नुकसान पहुंचा सके, ऐसे शख्स से तहाइफ और हुस्ने अखलाक के जरिए जिहाद बेहतर है,*

*📘 अनमोल जवाहिरात -130,*
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*✷क़िस्त -91✷*
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 *✺ 5 क़िस्म के अंधेरे और उनके चिराग ✺*

*★_ हजरत अबू बकर सिद्दीक रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि 5 क़िस्म के अंधेरे हैं और उन अंधेरों को दूर करने के लिए पांच किस्म के चिराग हैं :-*

*१_दुनिया की मोहब्बत अंधेरा है उसका चिराग परहेजगारी है,*
*२_ गुनाह अंधेरा है और तौबा उसके लिए चिराग है ,*
*३_ आखिरत अंधेरा है और अमले सालेह उसके लिए चिराग है,*
*४_ पुल सिरात अंधेरा है सही यक़ीन उसके लिए चिराग है,*
*५_ कब्र अंधेरे का घर है, कलमा ला इलाहा इल्लल्लाहु मुहम्मदुर रसूलुल्लाह उसका चिराग है ,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं.१३२ ,*
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*✷क़िस्त -92✷*
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 *✺ _याद कर लेना......., ✺*

 *"★_ जब तुम्हें लगे कि सब्र करना मुश्किल हो रहा है तो याद कर लेना कि अल्लाह सब्र करने वालों के साथ है_,*

*"★_ जब कभी खुद को ना का़बिले बर्दाश्त तकलीफ में महसूस करो तो याद कर लेना कि अल्लाह किसी को उसकी बर्दाश्त से ज़्यादा तकलीफ नहीं देता_,"*

*"★_ जब कभी मुश्किलात की वजह से परेशानी आ घेरे तो याद कर लेना कि हर मुश्किल के साथ आसानी है_,"*

*"★_कभी खुद को अकेला महसूस करो तो याद कर लेना कि अल्लाह कहता है जहां कहीं भी तुम हो मैं तुम्हारे साथ हूं _,"*

*"★_ जब कभी किसी ख्वाहिश और चाहत का मुकम्मल होना ना मुमकिन लगे तो याद कर लेना कि अल्लाह हर चीज़ पर का़दिर है_,"*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं.१३२ ,*
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*✷क़िस्त -93✷*
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*✺ इंसान को 6 चीज़ें दावत देती हैं ✺*

*★_ जनाब खुल्फा ए अव्वल अबू बकर सिद्दीक रजियल्लाहु अन्हु ने फरमाया :-*

*१_ मल'ऊन इबलीस तुझे तर्के दीन की दावत देता है,*
*२_ नफ्स पलीद तुझे गुनाहों की दावत देता है,*
*३_हवाए नफ्स तुझे शहवत की तरफ दावत देती है,*
*४_ दुनिया तुझे तर्के आखिरत की तरफ दावत देती है ,*
*५_ आजा़ ए बदन तुझे गुनाहों की तरफ दावत देते हैं ,*
*६_ खुदा ए जुलजलाल तुझे जन्नत व मग्फिरत की दावत देता है ,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. १३३,*
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*✷क़िस्त -94✷*
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*✺ जिसने 6 का हुक्म माना वह 6 चीजें खो बैठा ✺*

*1- जिसने इबलीस का कहा माना उसका दीन जाता रहा,*
*2- जिसने नफ्स का कहा माना उसकी रूह जाती रही,*
*3- जिसमें हवाए नफ्स का कहा माना उसकी अक़ल जाती रही,*
*4-जिसने दुनिया का कहा माना उसकी आखिरत जाती रही,*
*5- जिसने आज़ा ए बदन का कहा माना उसकी जन्नत जाती रही,* 
*6- जिसने अल्लाह ताला का कहा माना उसकी बुराइयां जाती रहीं और तमाम भलाइयां आती रहीं _,"* 

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. १३४,*
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*✷क़िस्त -95✷*
✯—————————————✯            
*✺ 6 चीजों को 6 चीजों में छुपाया गया ✺*

*1- अल्लाह ताला ने खुशी को बंदगी में पोशीदा रखा है,*
*2- अल्लाह ताला ने गुस्से को गुनाहों में पोशीदा रखा है,*
*3- अल्लाह ताला ने इस्में आज़म को क़ुरान में पोशीदा रखा है,*

*4- अल्लाह ताला ने लैलतुल क़दर को माहे रमजान में पोशीदा रखा है ,*
*5-अल्लाह ताला ने सलातुल वुसता को बाक़ी नमाजो़ में पोशीदा रखा है ,*
*6-अल्लाह ताला ने क़यामत के दिन को बाक़ी दिनों में पोशीदा रखा है ,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 134,*
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*✷क़िस्त -96✷*
✯—————————————✯            
*✺ 4 चीजों को थोड़ा ना समझो ✺*

*★_ उलमा किराम फरमाते हैं कि 4 चीजों को थोड़ा ना समझो :-*

*१_ क़र्ज़ ,*
*२_ मर्ज़ ,*
*३_ दुश्मनी ,*
*४_ आग ,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं.१३४ ,*
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*✷क़िस्त -97✷*
✯—————————————✯            
*✺ 5 चीजों को 5 की जगह रखा है ✺*

*★ मरवी है कि अल्लाह ताला ने पांच चीजों को 5 जगहों पर रखा है:-*

*१_ इज्ज़त को अल्लाह ताला की फरमा मदारी में ,*
*२_ ज़िल्लत को गुनाह में,*
*३_ दफा ए मुसीबत को रात की नमाज़ में,*
*४_ हिकमत को खाली पेट में,*
*५_ मालदारी को कम पर राज़ी रहने में,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 135,*
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*✷क़िस्त -98✷*
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*✺ 8 अनमोल मोती ✺*

*★_ हुकुमा फरमाते हैं कि दुनिया 8 चीज़ों से क़ायम है :-*

*१_खुदा की रहमत से ,*
*२_रसूल की रिसालत से,*
*३_ हुकमा की हिकमत से,*
*४_ आबिदों की इबादत से,*
*५_ आलिमों की नसीहत से,*
*६_ बादशाहो की अदालत से,*
*७_ बहादुरों की शुजा'अत से,*

*📘 अनमोल जवाहिरात -१३५,*
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*✷क़िस्त -99✷*
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*✺10 खसलतें 10 आदमियों से अल्लाह पाक को पसंद नहीं ✺*

*★_ 10 खसलतें 10 क़िस्म के आदमियों से अल्लाह पाक को पसंद नहीं है :-*

*१_ बुख्ल मालदारों से,*
*२_ तक़ब्बुर फकीरों से ,*
*३_ तमा आलिमों से ,*
*४_ बेहयाई औरतों से ,*
*५_ हुब्बे दुनिया बूढ़ों से,*
*६_ सुस्ती जवानों से ,*
*७_जुल्म बादशाहो से ,*
*८_ बुज़दिली गाज़ियों से,*
*९_ खुद पसंदीदा ज़ाहिदों से,*
*१०_ रियाकारी आबिदों से _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 135,*
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*✷क़िस्त -100✷*
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*✺ १० चीज़ें १० चीज़ों को खा जाती हैं ✺*

*१_ नेकी बदी को,*
*२_ तकरब्बुर इल्म को,*
*३_ तौबा गुनाह को,*
*४_ झूठ रिज़्क़ को,*
*५_ अद्ल जुल्म को ,*
*६_ गम उमर को ,*
*७_ सदका़ बला व मुसीबत को ,*
*८_ गुस्सा अक्ल को ,*
*९_ पशेमानी सखावत को,*
*१०_ गीबत आमाल को _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं.१३६ ,*
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*✷क़िस्त -101✷*
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  *✺ 4 बातें ज़ाहिर में फज़ीलत है लेकिन हक़ीक़त में फर्ज़ है ✺*

*★_ उलमा फरमाते हैं कि चार बातें जिनका ज़ाहिर फज़ीलत लेकिन उनका बातिन फर्ज़ है :-*

*१_ नेक लोगों के साथ मेल जोल फजीलत है लेकिन उनकी इक़्तदा हैं,*
*२_ कुराने पाक की तिलावत करना फजीलत है लेकिन उसके मुताबिक अमल करना फर्ज है,*
*३_ क़ब्रों की जि़यारत फजी़लत है लेकिन मौत की तैयारी फर्ज है,*
*४_ मरीज की अयादत फजीलत है लेकिन उससे वसीयत लेना फर्ज है,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं.१३७ ,*
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*✷क़िस्त -102✷*
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*✺ 6 चीजों की तलाश का हुक्म ✺*

*★_जो शख्स 6 चीजें तलाश करे उसने जन्नत की तलाश में और जन्नत को हासिल करने में और दोजख से महफूज़ रहने में कोई कसर नहीं छोड़ी:-*

*१_ जिस शख्स ने मार्फते इलाही हासिल की और उसकी फरमाबरदारी इख्तियार की,*
*२_ जिस शख्स ने शैतान को पहचान लिया और उसको नाराज़ किया,* 
*३_जिस शख्स ने सच्चाई की पहचान हासिल कर ली और सच्चाई को कुबूल कर लिया,*
*४_जिस शख्स ने बातिल को पहचान लिया और उसको तर्क कर दिया,*
*५_ जिस शख्स ने आखिरत की मार्फत हासिल कर ली,*
*६_जो शख्स तलबे आखिरत में मशगूल हो गया ,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 136,*
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*✷क़िस्त -103✷*
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  *✺ दूर से जन्नत की महक पाने वाले 4 खुशनसीब ✺*

*★_ फरमाया कि 4 किस्म के लोगों को जन्नत की खुशबू 500 बरस की राह से आएगी :-*

*१_ वह शख्स जिसके बाल बच्चे ज्यादा हो और वह रात दिन मेहनत व मशक्कत करके उनके लिए कस्बे हलाल से रोटी कमाए,*

*२_ वह औरत जो शौहर को हक़ मेहर माफ कर दे,*

*३_ वह शख्स जो गुनाह के बाद सच्चे दिल से तौबा कर ले और तौबा की हालत में फौत हो जाए,*

*४_ वह शख्स जो अपने मां-बाप का फरमाबरदार हो और खिदमत गुजा़र हो _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. १३९ बा हवाला तज़किरतुल वाइज़ीन ,*
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*✷क़िस्त -104✷*
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*✺ 4 बुरी खसलतें ✺*

*★ बाज़ उलमा का कौ़ल है कि जिस शख्स में चार खसलते होंगी वह हर किस्म की खैर व नेकी से महरूम रहेगा :-*

*१_अपने से कमजोर पर जुल्म करना,*

*२_ मां बाप की नाफरमानी करना ,*

*३_गरीब आदमी को उसकी तंगदस्ती की वजह से हकीर जानना,*

*४_ मालदार की इज्जत सिर्फ उसके माल व दौलत की वजह से करना ,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. १३९,*
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*✷क़िस्त -105✷*
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*✺ पांच मौकों पर जल्दबाजी सुन्नत है ✺*

*★_ हजरत हातिम अल अस्म रहमतुल्लाह फरमाते हैं कि जल्दबाजी शैतान का काम है मगर पांच मौकों पर जल्दबाजी हुजूर सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम की सुन्नत है :-*

*१- जब मेहमान आ जाए तो उसका फोरन इकराम किया जाए,*
*२_ जब लड़की बालिग हो जाए तो फौरन निकाह किया जाए ,*
*३_जब कभी गुनाह हो जाए तो फौरन तौबा की जाए,*
*४_ कर्ज की अदायगी का जब वक्त आ जाए तो फौरन अदा किया जाए,*
*५_ जब कोई फौत हो जाए तो फौरन उसको नहला कर कफन दफन का इंतजाम किया जाए,* 

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 140,*
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*✷क़िस्त -106✷*
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*✺ हलाक कर देने वाली 3 चीज़े ✺*

*१_ हिर्स व तमा में गुम रहना ,*

*२_ नफ्सानी ख्वाहिशात की पैरवी करना ,*

*३_ बंदे का अपने आप पर फख्र करना ,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 141,*
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*✷क़िस्त -107✷*
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*✺ 6 चीजों के बदले जन्नत की ज़मानत ✺*

*1- जिस वक्त गुफ्तगू करो तो सच्ची गुफ्तगू करो,*
*2- जिस वक्त किसी से वादा करो तो पूरा करो ,*
*3- निगाहों को नीचे रखो,*
*4- अपनी शर्मगाह की पूरी तरह हिफाज़त करो,*
*5- जब कोई शख्स तुम्हारे पास कोई चीज़ अमानत रखें तो उसकी अमानत अदा करो,*
*6- अपने हाथों को ज्यादती करने से बाज़ रखो यानी किसी शख्स पर ज्यादती ना करो ,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं.143 ,*
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*✷क़िस्त -108✷*
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*✺ दुआ क़ुबूल ना होने की 10 वुजुहात ✺*

*★_ हजरत इब्राहिम बिन अदहम रहमतुल्लाह से लोगों ने दरयाफ्त किया कि ए हजरत खुदा का फरमान है- तुम मुझे पुकारों मैं तुम्हारी पुकार जरूर क़ुबूल करूंगा लेकिन हम पुकारते हैं और हमारी पुकार क़ुबूल नहीं होती इसकी क्या वजह है ? आपने जवाब में फरमाया- तुम लोगों के दिल 10 चीज़ों के सबब मुर्दा हो गए हैं :-*

*१_ तुमने अल्लाह को पहचाना और उसका हक़ अदा करना भूल गए,*
*२_ तुमने कुरान को पढ़ लिया और उस पर अमल करना भूल गए,*
*३_ तुम ने दावा किया शैतान की दुश्मनी का और फिर उस से दुश्मनी करना भूल गए,*
*४_ तुम ने दावा किया मोहब्बत ए रसूल सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम का और फिर सुन्नत पर अमल करना भूल गए,*
*५_ तुम ने दावा किया हुब्बे जन्नत का और फिर उसके लिए अमल करना भूल गए,*

*६_तुम ने दावा किया खौफे दोजख़ का और फिर गुनाहों से परहेज़ करना भूल गए,*
*७_ तुम ने दावा किया कि मरना हक़ है और फिर मौत की तैयारी करना भूल गए,*
*८_ तुमने गैरों के ऐब तलाश किए और अपने ऐबों को भूल गए,*
*९_तुमने अल्लाह पाक का रिज़्क़ खाया और उसका शुक्र अदा करना भूल गए,*
*१०_ तुमने अपने मुर्दों को दफन किया और उनसे इबरत लेना भूल गए _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं.145 ,*
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*✷क़िस्त -109✷*
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*✺ 3 चीज़े ईमान की अलामतों में से हैं ✺*

*1- दुश्वारियां के बावजूद भरपूर तहारत हासिल करना,*
*2- फराइज़ के वक्त दिल का कांपना हत्ताकी फर्ज को अदा कर दे,*
*3- हर गुनाह के वक्त तौबा कर लेना ताकि गुनाहों पर मिश्र ना हो,* 

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं.145 ,*
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*✷क़िस्त -110✷*
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*✺ क़ुरानी मालूमात -1 ✺*

*★_ कुरान में 7 मंजिले 30 पारे और 114 सूरते हैं , उनमें से 92 में मक्की और 22 मदनी है , 556 रुकू और 6666 आयात है_,*

*★_ 25 पैगंबरों के असमा ए गिरामी कुरान मजीद में आए हैं, सबसे ज्यादा हजरत मूसा अलैहिस्सलाम का नाम है, मोहम्मद 4 मर्तबा, 11 मर्तबा आप सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम को ए नबी और 23 जगह आप सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम को फक़त नबी कहकर मुखातिब किया गया है, 2 मर्तबा मोहम्मद रसूलुल्लाह के अल्फाज़ आए हैं _,*

*"_ बाकी इंशाअल्लाह अगली पोस्ट में _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं.146 ,*           
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*✷क़िस्त -111✷*
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*✺ क़ुरान की मालूमात -2 ✺*

*★_ कुरआन की 7 मंज़िल ये है: -*

 *1_ मंज़िल-सूरह फातिहा (1) से सूरह निसा (4)।*

 *2_ मंज़िल-सूरह माइदा (5) से सुरह तौबा (9)।*

 *3_ मंज़िल- सूरह यूनुस (10) से सूरह नहल (16)*

 *4_ मंज़िल-सूरह इसरा (17) से सूरह फ़ुरकान (25)।*

 *5_ मंज़िल - सूरह शुअरा (26) से सूरह यासीन (36),*

 *6_ मंज़िल-सूरह साफ़ात (37) से सूरह हुजरात (49),*

 *7_ मंज़िल-सूरह क़ाफ़ (50) से सूरह नास (114)*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. १४६,*
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*✷क़िस्त -112✷*
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*✺ क़ुरानी मालूमात -3 ✺*

*★_ हुकूकुल्लाह के मुताल्लिक 193 आयातहै और हुकुकुल इबाद के मुताल्लिक 673 आयात है ,*

*★_ 90 से ज्यादा मर्तबा मुसलमान को नमाज़ का हुक्म दिया गया है, 150 से ज्यादा मर्तबा अल्लाह की राह में खर्च करने का हुक्म है,*

*★_ 70 से ज्यादा मर्तबा दुआ मांगने को कहा गया है , इल्म के मुताल्लिक अल्फाज़ 140 आयात में आए हैं , 750 आयात का ताल्लुक साइंस के मजा़मीन से है ,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 146,*
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*✷क़िस्त -113✷*
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  *✺ अक़लमंद की 3 निशानियां ✺*

*★_ हजरत याहया बिन माज़ का क़ौल है कि कामयाब अकलमंद वह शख्स है जो तीन काम अंजाम दे :-*

*१_ अव्वल यह है कि इससे पहले की दुनिया उससे बेजा़र हो जाए, यह शख्स खुद ही दुनिया तर्क कर दे,*

*२_ दूसरे क़ब्र में जाने से पहले क़ब्र में पेश आने वाली जिंदगी की तैयारी में मशगूल हो जाए ,*

*३_ तीसरे यह है कि अपने परवरदिगार से मुलाकात से पहले उसको रजामंद कर ले ,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 146,*
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*✷क़िस्त -114✷*
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*✺ _गौरो फिक्र की 5 अक़साम _,✺*

*★_उलमा किराम फरमाते हैं कि कि गौरो फिक्र 5 क़िस्म का होता है :-*

*1_ अल्लाह ताला की निशानियों में गौरो फिक्र , इससे अल्लाह ताला की वहदानियत और यक़ीन सही पैदा होता है ,*

*2_ अल्लाह ताला की नियामतों में गौरो फिक्र , इससे अल्लाह ताला से मुहब्बत पैदा होती है ,*

*3_ अल्लाह ताला के वादों में गौरो फिक्र , इससे अल्लाह ताला की तरफ रगबत पैदा होती है ,*

*4_ अल्लाह ताला की व'ईदों में गौरो फिक्र , इससे अल्लाह ताला का खौफ पैदा होता है ,*

*5_ अपनी इता'अत ए खुदावंदी में गौरो फिक्र , इससे अल्लाह ताला से हया पैदा होती है ,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 147,*
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*✷क़िस्त -115✷*
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  *✺ 4 ना पसंदीदा चीजें ✺*

*★_ हजरत बुरेदा रज़ियल्लाहु अन्हु अपने वालिद से हुजूर सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम का यह फरमान नकल करते हैं कि चार अशिया सख्त ना पसंदीदा हैं जिसकी तफसील यह है :-*

*१_ नमाज से फरागत से पहले ही अपनी पेशानी साफ करने लगे,*

*२_ अज़ान सुनने के बाद मो'अज़्जिन की अज़ान का जवाब ना दें,*

*३_ जिस वक्त मेरा नाम लिया जाए तो मुझ पर दरूद शरीफ ना भेजें,*

*४_ कोई शख्स बिला ज़रूरत शरई खड़े-खड़े पेशाब करें ,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. १४७, तंबीहुल गाफिलीन ,*
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*✷क़िस्त -116✷*
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*✺ 14 अनमोल नसीहतें ✺*

*★_ हजरत वहब बिन मुनब्बह रहमतुल्लाह ने 14 नसीहतें फरमाई जो यह है :-*

*१_ जो शख्स चाहता है कि वह तख्ते रहमान के साए तले हो, वह जुहद अख्त्यार करें,*

*२_ जो शख्स चाहता है कि वह फक़ीह और आलिम हो, वह खुशू ज्यादा अख्त्यार करें,*

*३_जो शख्स चाहता है कि फरिश्ते उसकी जियारत करें, वह अपने आपको परहेज गार बनाए,*

*४_जो शख्स चाहता है कि उसका घर जन्नत के दरमियान हो, वह रात दिन जिकरुल्लाह में मशगूल रहे,*

*५_ जो शख्स चाहता है कि वह बगैर हिसाब के जन्नत में दाखिल हो, वह खालिस तौबा करें,*

*६_ जो शख्स चाहता है कि वह दौलतमंद हो जाए , वह अल्लाह की तक़सीम पर राज़ी हो जाए,*

*७_ जो शख्स चाहता है कि उसके हिसाब में कमी हो वह अपने नफ्स और भाइयों को नसीहत करें ,*

*८_जो शख्स यह चाहता है की अहले हिकमत हो जाए, वह जहांने दिल का आलिम हो जाए,*

*९_ जो शख्स चाहता है कि वह लोगों में सलामती से रहे वह दुनिया में सिर्फ यही याद करें कि मैं किस वास्ते पैदा हुआ और किस चीज़ से बनाया गया हूं,*

*१०_ जो शख्स चाहता हूं कि वह फिरदोस और उसकी हमेशा रहने वाली नियामतें हासिल करें, वह अपनी जिंदगी दुनिया के फसादों में जा़या ना करें,*

*११_ जो शख्स चाहता है की दुनिया और आखिरत दोनों में जन्नत उसको नसीब हो, वह सखावत करता रहे क्योंकि सखी जन्नत के क़रीब और आग से ब'ईद होता है,*

*१२_ जो शख्स चाहता है कि उसका दिल मुकम्मल रोशन और मुनव्वर हो जाए वह हमेशा फ़िक्र और इबरत हासिल करता रहे,*

*१३_ जो शख्स चाहता है कि दुनिया व आखिरत दोनों में शर्फ हासिल हो वह आखिरत को दुनिया पर तरजीह दे ,*

*१४_ जो शख्स चाहता है कि उसका बदन साबिर और ज़ुबान ज़ाकिर और क़ल्ब (दिल) खाशे ( आजि़जी करने वाला ) हो वह जिकरुल्लाह के साथ मुस्लिमीन और मुस्लिमात, मोमिनीन और मोमिनात के लिए इस्तगफार और बख्शिश की दुआ मांगता रहे,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 153,*
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*✷क़िस्त -117✷*
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*✺ इल्म का नफा 3 चीज़ों पर अमल करने में है ✺*

*★_ बनी इजरायल में एक शख्स ने इल्म के यानी किताबों के 80 संदूक जमा किए लेकिन कभी भी उसको उनसे इस्तेफादा का मौका ना मिला, अल्लाह ताला ने उस उस जमाने के नबी की तरफ वही भेजें कि इस इल्म जमा करने वाले से कह दो कि अगर तू इससे भी ज़्यादा इल्म जमा कर ले तो तुझे उस वक्त तक नफा ना देगा जब तक तू तीन चीज़ों पर अमल ना कर ले :-*

*१_ तू दुनिया से मोहब्बत ना कर इसलिए कि यह मोमिनीन की क़याम गाह नहीं है,*

*२_ तू शैतान का साथी ना बन क्योंकि वह मोमिनीन का दोस्त नहीं है,*

*३_ तू किसी को तकलीफ मत दे क्योंकि यह मोमिनीन का तरीका व आदत नहीं है ,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 154,*
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*✷क़िस्त -118✷*
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*✺ पडौसी के पडौसी पर 9 हुक़ूक़ ✺*

*★_ हसन बसरी रहमतुल्लाह से रिवायत है की हुजूर सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम से पूछा गया कि पड़ोसी का क्या हक़ है ? आप सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*

*१_ जब वह तुमसे क़र्ज़ मांगे तो उसे कर्ज़ दो ,*
*२_ जब वह तुम्हें दावत दे तो उसकी दावत कुबूल करो ,*
*३_ अगर वह बीमार हो जाए तो उसकी अयादत करो,*

*४_वह तुमसे मदद मांगे तो उसकी मदद करो,*
*५_ वह मर जाए तो उसके जनाजे में शरीक हो,* 
*६_उसे कोई नियामत मिले तो मुबारकबाद दो,*

*७_वह किसी मुसीबत में पड़ जाए तो उसके साथ इजहार ए हमदर्दी करो,*
*८_ अगर घर से गायब हो तो उसके घर और अहलो आयाल की हिफाजत करो,*
*९_ तुम्हारी हांडी की महक उसे तकलीफ ना दे और अगर यह मुमकिन ना हो तो उसमें से उसे भी हदिया भेजो ,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 154, अत तरगीब व अत तरहीब,*
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*✷क़िस्त -119✷*
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*✺ जन्नत के दरवाजे पर 3 सतरें है ✺*

*★_ हजरत ज़हाक रहमतुल्लाह की हजरत नजा़ल बिन सबराह रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत है की जन्नत के दरवाजे पर 3 सतरें लिखी हुई है :-*

*१_ पहली सतर यह है :- ला इलाहा इल्लल्लाहु मुहम्मदुर रसूलुल्लाह _,*

*२_ दूसरी सतर यह हैं -(तर्जुमा) लोग गुनहगार हैं और परवरदिगार मग्फिरत करने वाला है,*

*३_ तीसरी सतर यह है :- जिसने नेक आमाल आगे भेजे वह नफे में रहा और जिस शख्स ने माल वगैरा पीछे छोड़ दिया वह खसारे और घाटे में रहा _,* 

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 155,*
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*✷क़िस्त -120✷*
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*✺ 5 चीज़ें रोकने वाले से 5 चीज़ें रोक ली जाती है ✺*

*★_ जो शख्स पांच चीजें रोकता है खुदावंद ताला उससे पांच चीजें रोक लेते हैं, वह चीजें यह है :-*

*१_ जो ज़कात रोक लेता है खुदावंद ताला उसके माल की हिफाज़त रोक लेते हैं यानी उसके माल की हिफाज़त उठा ली जाती है,*

*२_ जो शख्स नमाज़ में सुस्ती करता है तो खुदावंद ताला मौत के वक्त उसको कलमा ला इलाहा इल्लल्लाह की तौफीक नहीं फरमाते,*

*३_ जो शख्स सदका़ नहीं देता खुदावंद ताला उस शख्स से आफियत उठा लेते हैं,*

*४_ जो शख्स उश्र अदा नहीं करता तो खुदावंद ताला उसकी ज़मीन की खैरो बरकत उठा लेते हैं,*

*५_ जो शख्स दुआ रोक लेता है खुदावंद ताला उसकी क़ुबूलियत रोक लेते हैं,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 155,*
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*✷क़िस्त -121✷*
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*✺ तीन चीजें हर गुनाह की जड़ है ✺*

*★_ हज़रत इब्ने मसूद रज़ियल्लाहु अन्हु ने हुजूर नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से रिवायत की है कि तीन चीज़ें हर गुनाह की जड़ है उन से डरो और उनसे बचो:-*

*१_ तकब्बुर से बचो क्योंकि तकब्बुर ही ने इबलीस को उकसाया था कि आदम को सजदा ना कर,*

*२_ हिर्स से बचो क्योंकि आदम अलैहिस्सलाम को हिर्स ही ने दरख़्त का फ़ल खाने पर मजबूर किया,*

*३_ हसद से बचो क्योंकि हजरत आदम अलैहिस्सलाम के दो बेटों में से एक बेटे को हसद ही ने उभारा था कि अपने भाई को क़त्ल करो,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. १५६ कंजुल उम्माल-773,*
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*✷क़िस्त -122✷*
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*✺ चार चीजों के धोके में ना आओ ✺*

*★_ हजरत सैयदना हातिम आसिम रहमतुल्लाह ने फरमाया :-*
*१_ किसी अच्छी जगह के धोखे में ना आओ क्योंकि जन्नत से बेहतर कोई जगह नहीं फिर भी सैयदना आदम अलैहिस्सलाम के साथ जो कुछ हुआ उसी जगह हुआ,*

*२_इबादत की कसरत के धोखे में ना आओ क्योंकि इब्लीस के साथ जो कुछ हुआ वह (इबादत पर तक़ब्बुर और धोखा खाने की वजह से ) तवील इबादत के बाद हुआ,*

*३_कसरत ए इल्म से भी धोखा ना खाओ क्योंकि बल'इम बिन बाऊर बहुत बड़ा आलिम था मगर उसका इबरतनाक अंजाम हुआ,*

*४_ नेक लोगों की सरफे जियारत कर लेने पर इकत्फा कर के धोखे में ना आओ क्योंकि मखलूक ए खुदा ने आक़ा ए दो आलम सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम से बढ़कर तो किसी का मुका़म नहीं लेकिन आप सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम के काफिर रिश्तेदार आप सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम की मुलाक़ात व जि़यारत से फायदा ना उठा सके,* 

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 156, अहयाउल उलूम-२२२*
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*✷क़िस्त -123✷*
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*✺ 3 चीज़े तौफीक की अलामतों में से है ✺*

*1- बगैर तैयारी के भी फोरन आमाल में लग जाना_,*

*२_ गुनाहों की तरफ मिलान के बावजूद गुनाहों से सलामत रहना ,*

*३_ दुआओं में मशगूल रहना _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. १५८,*
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*✷क़िस्त -124✷*
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*✺ 7 चीजों से खुशहाली आती है ✺*

*1_गुनाहों से बचने और गुनाह होने पर सच्चे दिल से माफी मांगने से,*

*२_ मां-बाप और रिश्तेदारों के साथ अच्छा बर्ताव करने से और उनकी खिदमत करने से,*

*३_ कसरत से कुराने पाक की तिलावत करने से ,*

*४_ गरीबों और मजबूरों की मदद करने से,*

*५_ हर हाल में खुदा का शुक्र अदा करने से,*

*६_ पांचों वक्त की नमाज ध्यान और इत्मिनान से पढ़ने से,*

*७_ सुबह के वक्त सूरह यासीन और शाम के वक्त सूरह वाक़िआ पढ़ने से,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 160,*
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*✷क़िस्त -125✷*
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  *✺ गुरबत लाने वाले 7 आमाल ✺*

*★_ सात काम करने से बचो क्योंकि इन से गरीबी लाहिक़ होने का अंदेशा है :-*

*१_ जल्दी-जल्दी नमाज पढ़ने से,*

*२_ खड़े होकर पेशाब करने से,*

*३_ पेशाब करने की जगह वजू करने से,*

*४_ खड़े होकर पानी पीने से,*

*५_ मुंह से चिराग बुझाने से,*

*६_ दांत से नाखून काटने से,*

*७_ दामन या आस्तीन से मुंह साफ करने से ,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 160,*
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*✷क़िस्त -126✷*
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*✺ 5 कामों पर जन्नत का टिकट ✺*

*★_ हजरत तमीम दारी रज़ियल्लाहु अन्हु से मरवी है कि जो पांच बातें लेकर क़यामत के दिन आएगा उसका चेहरा जन्नत से नहीं रोका जाएगा :-*

*१_ अल्लाह ताला की ताला की खैर ख्वाही ,*

*२_ अल्लाह ताला के दीन की खैर ख्वाही ,*

*३_ अल्लाह ताला की किताब की खैर ख्वाही ,*

*४_ अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम की खैर ख्वाही ,,*

*५_ मुसलमानों की जमात की खैर ख्वाही ,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 161, कंजुल उम्माल-३/२२६*
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*✷क़िस्त -127✷*
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   *✺ 5 चीजों को 5 जगहों पर पाया ✺*

*★_ शेख उल हदीस हजरत मौलाना मोहम्मद ज़करिया साहब रहमतुल्लाह तहरीर फरमाते हैं :- हजरत शफीक़ बलखी रहमतुल्लाह मशहूर सूफी और बुजुर्ग है, फरमाते हैं कि हमने पांच चीजें तलाश की और उनको पांच जगहों पर पाया :-*

*१_ रोजी की बरकत चाश्त की नमाज़ में मिली,*

*२_ क़ब्र की रोशनी तहज्जुद की नमाज़ में मिली,*

*३_ मुनकर नकीर के सवाल का जवाब तलब किया तो उसको क़िरा'त में पाया,*

*४_ पुल सिरात से सहुलत से पार होना रोज़ा और सदका़ में पाया,*

*५_ अर्श का साया खिलवत में पाया _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 162,जवाहर पारे - ११६*
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*✷क़िस्त -129✷*
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*✺ गुनहगार पर अल्लाह ताला के चार अहसान ✺*
*★_ हजरत साद बिन बिलाल बयान फरमाते हैं कि जब कोई इंसान गुनाह करता है तो अल्लाह ताला उस शख्स पर 4 तरीकों से एहसान फरमाते हैं:-*

*१_ अल्लाह ताला उस मुजरिम का रिज़्क़ बंद नहीं करते ,*

*२_ अल्लाह ताला उस मुजरिम की सेहत खराब नहीं करते,*

*३_ अल्लाह ताला उस मुजरिम का पर्दाफाश नहीं करते,"*

*४_ अल्लाह ताला उस मुजरिम को जल्द सजा नहीं देते,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 165, तंबीहुल गाफिलीन,*
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*✷क़िस्त -130✷*
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*✺ कामयाबी की 12 ज़मानतें ✺*

*★ हजरत अली अल करमुल्लाहु वजहु ने मुसलमानों के बारे में कुछ कलमात इरशाद फरमाए हैं जिन पर अमल करें तो कामयाबी व कामरानी से हमकिनार हो जाएं और कभी गलत हरकत ना करें, वह नसीहत आमूज़ कलमात यह है :-*

*१_तू अपने मुसलमान भाई की पसंद का ख्याल रख उसके साथ भलाई कर, फिर तुझे उसकी तरफ से तेरी पसंदीदा चीज मिलेगी,*

*२_कभी किसी मुसलमान भाई के कलाम में बद गुमानी ना कर (यानी उसकी बात में हमेशा अच्छा पहलू तलाश कर) तुझे जरूर उसके कलाम में कोई अच्छी बात मिल जाएगी,*

*३_ जब तेरे सामने दो काम हो तो उस काम मे हरगिज ना पड़ जिसमें नफ्स की पैरवी करना पड़े क्योंकि नफ्स की पैरवी में सरासर नुकसान है,*

*४_ जब तू अल्लाह ताला से अपनी किसी हाजत में हाजत बरारी चाहता है तो दुआ से पहले उसके प्यारे हबीब ﷺ पर कसरत से दरूद पाक पढ़, बेशक अल्लाह ताला उस शख्स पर बहुत लुत्फ व करम फरमाता है जो उससे अपनी हाजते तलब करें, फिर अगर कोई शख्स अल्लाह रब्बुल इज्जत से दो चीजें मांगता है तो तो अल्लाह ताला उसे वह चीज़ अता फरमा देता है जो उसके हक़ में बेहतर होती है और जो नुकसानदह हो उसे बंदे से रोक लेता है,*

*( बाक़ी नसीहतें इंशा अल्लाह अगली पोस्ट में )*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 163,*
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*✷क़िस्त -131✷*
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*✺ कामयाबी की 12 ज़मानतें ✺*

*★ हजरत अली अल करमुल्लाहु वजहु ने मुसलमानों के बारे में कुछ कलमात इरशाद फरमाए हैं जिन पर अमल करें तो कामयाबी व कामरानी से हमकिनार हो जाएं और कभी गलत हरकत ना करें, वह नसीहत आमूज़ कलमात यह है :-* *( पिछली पोस्ट से जारी )*

*५_ जो शख्स यह चाहे कि हर वक्त अल्लाह ताला के जिक्र में मशगूल रहे तो उसे चाहिए कि सब्र को अपना श'आर बना ले और हर मुसीबत पर सब्र करें,*

*६_ जो शख्स दुनियावी जिंदगी मैं तवालत ( लंबाई ) का ख्वाहिश मंद हो तो उसे चाहिए कि मसाईब के लिए तैयार हो जाए,*

*७_जो शख्स यह चाहे कि उसका वकार व इज्जत बरकरार रहे तो उसे चाहिए कि रियाकारी से बचे,*

*८_जो शख्स क़ाइद व रहनुमा यानी सरदार बनना चाहे तो उसे चाहिए कि हर हाल में अपनी जिम्मेदारी पूरी करें चाहे उसे कितनी ही दुश्वारी का सामना करना पड़े ( सरदारी के लिए जिम्मेदारियों को पूरा करने की मशक्कत बर्दाश्त करना जरूरी है बगैर मशक्कत के इंसान को बुलंद रुतबा हासिल नहीं होता )*

*( बाक़ी नसीहतें इंशा अल्लाह अगली पोस्ट में )*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 163,*
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*✷क़िस्त -132✷*
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  *✺ कामयाबी की 12 ज़मानतें ✺*

*★ हजरत अली अल करमुल्लाहु वजहु ने मुसलमानों के बारे में कुछ कलमात इरशाद फरमाए हैं जिन पर अमल करें तो कामयाबी व कामरानी से हमकिनार हो जाएं और कभी गलत हरकत ना करें, वह नसीहत आमूज़ कलमात यह है :-* *( पिछली पोस्ट से जारी )*

*9- जिस बात से तेरा ताल्लुक ना हो ख्वामख्वाह उस के बारे में सवाल ना कर,*

*10- बीमारी से पहले सेहत को गनीमत जान और फुर्सत के लम्हों से भरपूर फायदा उठा, वरना गम व परेशानी का सामना होगा,*

*11-जो चीज़ तेरे दिल में खटके उसे छोड़ दें क्योंकि उसको छोड़ देने ही मैं तेरी सलामती है,*

*12- इस्तेकामत आधी कामयाबी है जैसा कि गम आधा बुढ़ापा है,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 163,*
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*✷क़िस्त -133✷*
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*✺ 6 घाटियां ✺*

*★_ इब्राहिम बिन अदहम रहमतुल्लाह से रिवायत है कि कोई शख्स उस वक्त तक सालेहीन का दर्जा नहीं पा सकता जब तक 6 घाटियां तैय ना कर ले :-*

*१_ पहली घाटी यह है कि वह नाज़ व नियामत का दरवाजा बंद कर दे और सख्ती का दरवाज़ा खोल दे,*

*२_ दूसरी घाटी यह है कि इज़्ज़त का दरवाजा बंद कर दे और ज़िल्लत का दरवाज़ा खोल दे,*

*३_ तीसरी घाटी यह हैं कि आराम व राहत का दरवाजा बंद कर दे और कोशिश का दरवाजा खोल दे,*

*४_ चौथी घाटी यह है कि नींद का दरवाज़ा बंद कर दें और बेदारी का दरवाज़ा खोल दे,*

*५_ पांचवी घाटी यह है कि मालदारी का दरवाज़ा बंद कर दे और फक़्र का दरवाज़ा खोल दे,*

*६_ छठी घाटी यह है कि उम्मीद का दरवाज़ा बंद कर दे और मौत की तैयारी का दरवाज़ा खोल दे ,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं.१६६ ,*
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*✷क़िस्त -134✷*
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  *✺ शरीफ आदमी के लिए 4 अच्छी बातें ✺*

*★_ इब्राहिम बिन जुनैद रहमतुल्लाह से मरवी है कि शरीफ आदमी के लिए चार बातें मुनासिब हैं चाहे खुद हाकिम ही क्यों ना हो :-*

*१_ बाप के लिए अपनी जगह से उठ कर खड़ा होना,*

*२_ मेहमान की खिदमत करना ,*

*३_ आलिम की खिदमत करना जिससे वह तालीम हासिल करता हो,*

*४_ उस चीज की निस्बत सवाल करना जिसका उसे इल्म नहीं _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. १६६,*
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*✷क़िस्त -135✷*
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*✺ 10 चीज़ों के बगैर 10 चीजें गैर मुफीद है ✺*

*१_ अक़ल बगैर तक़वा के ,*
*२_ बादशाहत बगैर अद्लो इंसाफ के,*
*३_ कामयाबी बगैर खौफे खुदा के,*
*४_ बुजुर्गी बगैर इल्म के,*
*५_ हसब व नसब बगैर अदब के ,*

*६_खुशहाली बगैर अमन के,*
*७_ मालदारी बगैर सखावत के,*
*८_ फक़र बगैर क़ना'अत के,*
*९_ शहादत बगैर अल्लाह ताला की तौफीक इखलास के मुमकिन नहीं,*
*१०_ बुलंद मर्तबा बगैर आजिज़ी के मुमकिन नहीं ,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं.167 ,*
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*✷क़िस्त -136✷*
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  *✺ कलमा तय्यबा के बा वज़ु विर्द पर 12 इनामात ✺*

*1-दुनिया से इस्लाम पर उठाया जाएगा,*
*2- उस पर जानकनी की सख्ती आसान होगी,*
*3- उसकी कब्र रोशन होगी,*
*4- पुल सिरात से बिजली की तरह गुजर जाएगा,*
*5- उसको कयामत के दिन शौहदा की जमात के साथ आमाल नामा दिया जाएगा,*
*6- मीज़ाने अमल में उसकी नेकियों का पलड़ा भारी होगा,*

*7-मुनकर नकीर उसके सामने अच्छी सूरत में आएंगे,*
*8- अल्लाह ताला उसके जिस्म को दोज़ख पर हराम कर देगा,*
*9- शराबे तहूर से उसे सैराब किया जाएगा ,*
*10- जन्नत में 70 हूरे उसकी बीवियां होंगी,*
*11- नबी करीम सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम की शफा'अत नसीब होगी,*
*12- सबसे बढ़कर अल्लाह ता'ला का दीदार होगा _,"*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 168, तज़किरतुल वाईजी़न*
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*✷क़िस्त -138✷*
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*✺ 7 कलमात के 7 हज़ार फायदे ✺*

*★_ किसी दानिश्वर का मक़ूला है कि खामोश रहने में 7 हज़ार मुनाफे हैं जो कि 7 कलमात में इकट्ठे हैं और हर एक कलमा 1 हज़ार फायदे पर मुश्तमिल है :-*

*१_ पहला कलमा यह है कि खामोशी बिला मशक्कत के इबादत है ,*
*२_ दूसरा यह कि बगैर ज़ेवर के जी़नत हैं,*
*३_ तीसरा यह कि बगैर मुसीबत के हुकूमत है,*
*४_ चौथा यह कि बगैर दीवार के कि़ला है ,*
*५_ पांचवा यह है कि इसमें किसी शख्स के पास माज़रत नहीं करना पड़ती,*
*६_ छटा इसमें यह हैं कि नामा ए आमाल लिखने वालों के वास्ते राहत है ,*
*७_ सातवां यह है कि इंसान के ऐबों के वास्ते पर्दा है,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 169 ,*
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*✷क़िस्त -139✷*
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*✺ 7 खौफनाक किस्म की आग को बुझाने के 7 तरीक़े ✺*

*1- गुनाहों की आग खालिस तौबा करने से बुझाई जाती है,*
*२_ शहवत की आग रोज़े रखने से बुझाई जाती है ,*
*३_हिर्स की आग क़ना'अत करने से बुझाई जाती है,*
*४_ नज़रे बद की आग उम्र सर्फ करने से बुझाई जाती है,*
*५_ जहालत की आग इल्म सीखने से बुझाई जाती है ,*
*६_ गुस्से की आग वजू और दरूद पढ़ने से बुझाई जाती है,*
*७_ गफलत की आग अल्लाह का जिक्र करने से बुझाई जाती है _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 170,*
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*✷क़िस्त -140✷*
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*✺ शराफत की सात निशानियां ✺*

*★_ फक़ीह रहमतुल्लाह किसी बुजुर्ग का क़ौल नक़ल करते हैं कि जो 7 बातों का अहतमाम करेगा वह अल्लाह और फरिश्तों के नजदीक शरीफ होगा और उसके गुनाह माफ किए जाएंगे चाहे समंदर के झाग के बराबर ही क्यों ना हो और यह शख्स ईमान का जा़यक़ा पाएगा, उसकी जिंदगी और मौत दोनों बेहतर होगी :-*

*१_ हर काम से पहले बिस्मिल्लाह कहना,*
*२_हर काम से फारिग होकर अल्हम्दुलिल्लाह कहना,*
*३_ लग्व काम या गुनाह के बाद अस्तगफिरुल्लाह कहना,*
*४_ मुसीबत पर इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलैही राजीऊन कहना,*
*५_ आइंदा के लिए कोई बात कहें तो उसके साथ इंशाअल्लाह कहना,*
*६_ नागवार बात पर ला हौला वला क़ुव्वता इल्ला बिल्लाहिल अलिय्यिल अज़ीम कहना,*
*७_ हर वक्त कलमा तौहीद का विर्द रखना _,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं.170 ,*
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*✷क़िस्त -141✷*
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*✺ 6 आमाल अख्त्यार करने पर 6 इनामात ✺*

*1- जिसको दुआ की तौफीक मिल वह क़ुबूलियत से हरगिज़ मेहरून ना रहेगा ,*
*2- जिसको सब्र की तौफीक़ मिल गई वह सवाब से हरगिज़ मेंहरूम ना रहेगा ,*
*3- जिसको तौबा की तौफीक मिल गई वह तौबा की क़ुबूलियत से हरगिज़ महरूम ना रहेगा,*
*4-जिसको इस्तगफार की तौफीक़ मिल गई वह मग़फिरत से हरगिज़ मेहरूम ना रहेगा,*
*5- जिसको शुक्र की तौफीक मिल गई वह नियामतों की ज्यादतियों से हरगिज़ मेहरूम ना रहेगा ,*
*6- जिसको खर्च की तौफीक़ मिल गई वह मुआवजा़ से हरगिज़ मेहरूम ना रहेगा,* 

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 171,*
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*✷क़िस्त -142✷*
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*✺ नफ्स और शैतान के 6 बड़े धोखे ✺*

*1- बख्शीश की उम्मीद पर बेशर्मी के साथ गुनाहों को करना यह बहुत बड़ा धोखा है,*
*2- बगैर इता'अ के क़ुर्बेहू खुदा वंदी की तवक्को रखना यह बहुत बड़ा धोखा है,*
*3- जहन्नम वाले आमाल करके जन्नत का इंतजार करना यह बहुत बड़ा धोखा है ,*
*4- गुनाहों के जरिए इता'अत गुज़ारों का मुका़म हासिल करना यह बहुत बड़ा धोखा है ,*
*5- अमल के बगेर अच्छा मुआवजा़ मिलने का इंतजार करना यह बहुत बड़ा धोखा है,*
*6- अल्लाह ता'ला और उसके रसूल ﷺ की राह पर ना चलना और निजात की उम्मीद रखना यह बहुत बड़ा धोखा है ,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 171,*
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*✷क़िस्त -143✷*
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*✺ बद बख्ती की 4 अलामतें ✺*

*1- आंख का आंसू ना बहाना,*

*2- दिल का सख्त होना,*

*3- लंबी उम्मीदें ,*

*4- दुनिया की मोहब्बत,* 

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. 171 ,*
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*✷क़िस्त -144✷*
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*✺ 5 चीजों को दफ़न कर दिया करो ✺*

*1- जब बदन से बाल जुदा किए जाएं तो उन्हें दफन कर देना चाहिए,*
*2- जब बदन से दांत जुदा किए जाएं तो उन्हें दफन करना चाहिए,*
*3- जब बदन से खून जुदा हो जाए तो उसे दफन करना चाहिए,*
*4- जब बदन से नाखून जुदा किए जाएं तो उन्हें दफन किया जाना चाहिए ,*
*5-जब बदन से ख़तना किया जाए तो काटा गया टुकड़ा दफन करना चाहिए_,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं. ,172*
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*✷क़िस्त -145✷*
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*✺ परहेजगारी के लिए 10चीज़ें लाज़िम है ✺*

*1- पहली चीज अपनी जुबान को गीबत से महफूज रखें ,*
*2-दूसरी चीज अपनी जा़त को बुरे गुमान से महफूज रखें,*
*3- तीसरी चीज़ अपनी निगाहों को हराम चीजों से महफूज रखें,*
*4- चौथी चीज अपने आपको हंसी मजाक से महफूज रखें,*
*5- पांचवी चीज अपनी जुबान को झूठ बोलने से महफूज रखें ,*

*6-छटी चीज़ नमाजों की पाबंदी को क़ायम और महफूज रखें,*
*7- सातवीं चीज अपने माल को बातिल पर खर्च करने से महफूज रखें,*
*8- आठवीं चीज अपने आप को बुलंदी और बढ़ाई की चाहत से महफूज रखें,*
*9- नवी चीज़ अपनी जा़त को खुदा की एहसान फरामोशी से महफूज रखें,*
*10- दसवीं चीज़ सुन्नत और जमात पर इस्तेक़ामत से क़ायम रहें,*

*📓 अनमोल जवाहिरात- सफा नं.176 ,*
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